tag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post2761343948313928044..comments2024-02-02T15:50:09.073+05:30Comments on हिंदी वाणी...यानी जन-जन की बात: मुंबई हमले के लिए अमेरिका जिम्मेदार ?Unknownnoreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-74286973623697506582010-08-12T16:21:53.826+05:302010-08-12T16:21:53.826+05:30अब आपके बीच आ चूका है ब्लॉग जगत का नया अवतार www.a...अब आपके बीच आ चूका है ब्लॉग जगत का नया अवतार www.apnivani.com <br />आप अपना एकाउंट बना कर अपने ब्लॉग, फोटो, विडियो, ऑडियो, टिप्पड़ी लोगो के बीच शेयर कर सकते हैं !<br />इसके साथ ही www.apnivani.com पहली हिंदी कम्युनिटी वेबसाइट है| जन्हा आपको प्रोफाइल बनाने की सारी सुविधाएँ मिलेंगी!<br /><br /><br />धनयवाद ..<br />www.apnivani.comअपनीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/10555146565452596247noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-69184812518028592682008-12-05T12:01:00.000+05:302008-12-05T12:01:00.000+05:30आपका आलेख हालांकि किसी और के नज़रिये को बयां करने ...आपका आलेख हालांकि किसी और के नज़रिये को बयां करने का दावा करता है लेकिन दोस्त यह तो बता दो कश्मीर घाटी के ढाई लाख हिंदू किस मोदी या बुश की साज़िश के चलते घाटी से निकाले गये थे?Sanjeevhttps://www.blogger.com/profile/16613354300792808697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-23013072294067093252008-11-30T23:13:00.000+05:302008-11-30T23:13:00.000+05:30उपरोक्त कथन में टाईपो है .. *क्या चाहते हैं ये?* क...उपरोक्त कथन में टाईपो है .. *क्या चाहते हैं ये?* कश्मीर की स्वतंत्रता के नाम पर भारत का एक और टुकडा कर देने के मंसूबों को स्वीकार नहीं किया जा सकता.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-12475967642331619302008-11-30T23:11:00.000+05:302008-11-30T23:11:00.000+05:30कश्मीर का मुद्दा छोड कर बाकी दीपक चोपडा सही कह रहे...कश्मीर का मुद्दा छोड कर बाकी दीपक चोपडा सही कह रहे हैं. <BR/>अमरीका में रहते हुए उन्होंने अमरीका की फ़ेल्ड पॉलिसीज़ पर तंज़ किया है. क्या कश्मीर की स्वतंत्रता के नाम पर भारत का एक और टुकडा कर देने के मंसूबों को स्वीकार नहीं किया जा सकता.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-62886218653296610902008-11-30T14:57:00.000+05:302008-11-30T14:57:00.000+05:30यूसुफ़ साहब आप जैसी सख्शियत ही हम जैसे नवयुवकों को...यूसुफ़ साहब आप जैसी सख्शियत ही हम जैसे नवयुवकों को आगे बदने का मार्गदर्शन देती है. यूसुफ़ साहब जानना चाहूँगा आप कौन से अखवार मैं है चूंकि मुझे लिखने का शौक है. किंतु प्रकाशित अभी तक नही करा पाया . इसी कारन अपना हिन्दी चिट्ठा बना लियाMajorhttps://www.blogger.com/profile/03309215478851506677noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-48816357433919347042008-11-30T13:48:00.000+05:302008-11-30T13:48:00.000+05:30yusuf ji aap bhi usi dushprachar ke hisse bante ja...yusuf ji aap bhi usi dushprachar ke hisse bante jaa rahe hain, ek documentary main bhi dekhi thi jisme yah kaha gaya tha ki world tower par hamla america ne hi karaya, to phir aap yah bhi maan len ki maalegaon me hamla musalmaon ne hi karaya, maanenge aapAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-75482207327730245772008-11-30T12:59:00.000+05:302008-11-30T12:59:00.000+05:30किसी भी घटना के तमाम पहलू होते हैं। भारत से दूर कि...किसी भी घटना के तमाम पहलू होते हैं। भारत से दूर किसी भी मुल्क में रह रहे व्यक्ति को उस घटना पर अपना नजरिया रखने का पूरा अधिकार है। यहां मैंने अपने ब्लॉग पर अध्यात्मिक गुरू दीपक चोपड़ा और तारिक अली के लेख को इस मकसद के साथ पेश किया है कि ये भी एक नजरिया है और लोग उसे भी जानें। जो लोग पाकिस्तान पर सीधा हमला करने की सलाह दे रहे हैं, बिना यह जाने कि यह छोटा सा मजाक परमाणु युद्ध की तरफ धकेल देगा, बचकानेपन के अलावा और कुछ नहीं है। जिन लोगों ने ३० नवंबर का नवभारत टाइम्स (दिल्ली) पढ़ा होगा, उसमें उस अखबार के संपादक मधुसूदन आनंद का लेख जरूर पढ़ा होगा। आनंद जी ने उसमें सही ही लिखा है कि यह वक्त पाकिस्तान मुर्दाबाद का नहीं बल्कि हिंदुस्तान जिंदाबाद का है। आम भारतीय का गुस्सा अपनी जगह सही है लेकिन पाकिस्तान जिस रास्ते पर चल रहा है, उसे खुद ही खत्म हो जाना है। यह बात तो खुद लेखक तारिक अली ने अपनी नई किताब द ड्यूल पाकिस्तान में कही है। मध्ययुगीन सभ्यता में जीने वालों की परिणति यही होती है। जहां तक गुजरात के दंगों को याद करने की बात है, अगर हम भारत में उसकी चर्चा करना छोड़ भी दें तो पूरी दुनिया में आतंकवाद की चर्चा के साथ ही वहां का भी नाम लिया जाता है औऱ आगे भी लिया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र की तमाम रिपोर्टों में आज भी उसका उल्लेख होता है। यह समय वाकई गंभीर चिंतन का समय है। पूरा देश एक खौफनाक मंजर से गुजरा है लेकिन किसी को भी अपना होश नहीं खोना चाहिए। आतंकवादी और उनके पैरोकार यही तो चाहते हैं कि इसकी इतनी तीब्र प्रतिक्रिया हो कि आम हिंदुस्तानी अपना आपा खो दे। <BR/>पंगेबाज जी, आप अच्छे ब्लॉगर हैं। ब्लॉग पर शालीनता से पेश आने में कुछ भी नहीं जाएगा। अगर आप किसी से सहमत नहीं हैं तो भी क्या उसे गालियां देने लगेंगे। कृपया ऐसे शब्दों का प्रयोग न करें। आपके हिसाब से तो मुझे ऐसी तमाम टिप्पणियों को यहां से हटा देना चाहिए जिनसे मैं सहमत नहीं हूं या मैं उनको गरियाने लगूं।हिन्दीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/07941990914773155980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-77288980130283975912008-11-30T10:32:00.000+05:302008-11-30T10:32:00.000+05:30उल्लू का पठ्ठा है ये अगर यही रौशन खयाल रहे इन रौशन...उल्लू का पठ्ठा है ये अगर यही रौशन खयाल रहे इन रौशन लाल जी के , और भारत के नागरिक इनसे इत्तिफ़ाक रखने लगे तो ये इस जमी पर तो मिलेगे नहीArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-20979460822024389952008-11-30T09:22:00.000+05:302008-11-30T09:22:00.000+05:30ऐ खुदा इन नासमझो को कौन समझाए . ताज मुंबई पर हमला ...ऐ खुदा इन नासमझो को कौन समझाए . ताज मुंबई पर हमला १९४७ तक के गडे मुर्दे उखेड़ रहा है ,गुजरात दंगे दिख रहे है गोधरा नहीं दिखा , हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है . अगर गलत को गलत कहना सीख ले हम तो दूर हो जायेंगे सारे गमdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-18058837083226967282008-11-30T08:38:00.000+05:302008-11-30T08:38:00.000+05:30आप फ़िर से गलत है यूसुफ किरमानी!अगर तारिक अली की और...आप फ़िर से गलत है यूसुफ किरमानी!<BR/>अगर तारिक अली की और आपकी बात मान ली जाए तो फ़िर गुजरात में मोदी की सरकार से पहले न तो बामियान के बुद्ध को उडाया गया, न ९/११ में ढाई हज़ार निहत्थे नागरिक मरे और न ही 1947 में पाक इस्लाम के नाम पर भारत के लाखों नागरिकों को गाज़र-मूली की तरह काटा और बेघर किया गया, न ही कश्मीर के पंडितों को उन्हीं के घरों में ज़िंदा जलाया गया और न ही गुरु तेग बहादुर के बन्दों को आरी से काटा गया . <BR/><BR/>सच दिख नहीं पा रहा हो इतने नासमझ तो आप भी नहीं हैं और न ही हम हैं फ़िर भी, "...दिल के खुश रखने को गालिब ये ख़याल अच्छा है" अलबत्ता सनद रहे कि अफवाहें फैलाने वाले लोग देश के बहुत बड़े दुश्मन हैं.<BR/><BR/>मुझे लगता था कि आप जैसे पढ़े लिखे व्यक्ति का दृष्टिकोण तो तालेबानी धर्म-भक्तों से भिन्न होगा मगर मैं भूल गया था कि पाकिस्तान बनाने वाले सभी लोग मदरसों में नहीं वरन विलायत में पढ़े हुए थे.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-7403544947668689242008-11-30T06:43:00.000+05:302008-11-30T06:43:00.000+05:30कन्धार के माफीनामा, और राजीनामा का है अंजाम मुम्...कन्धार के माफीनामा, और राजीनामा का है अंजाम मुम्बई का कोहराम । <BR/>भून दिया होता कन्धार में तो मुम्बई न आ पाते जालिम । <BR/>हमने ही छोड़े थे ये खुंख्वार उस दिन, आज मुम्बई में कहर ढाने के लिये ।। <BR/>इतिहास में दो शर्मनाक घटनायें हैं, पहली पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुफ्ती मोहमद सईद के मंत्री कार्यकाल के दौरान उनकी बेटी डॉं रूबिया सईद की रिहाई के लिये आतंकवादीयों के सामने घुटने टेक कर खतरनाक आतंकवादीयों को रिहा करना, जिसके बाद एच.एम.टी. के जनरल मैनेजर खेड़ा की हत्या कर दी गयी । और दूसरी कन्धार विमान अपहरण काण्ड में आतंकवादीयों के सामने घुटने टेक कर रिरियाना और अति खुख्वार आतंकवादीयों को रिहा कर देना । उसी का अंजाम सामने है । तमाशा यह कि जिन्होंने इतिहास में शर्मनाक कृत्य किये वे ही आज बहादुरी का दावा कर रहे हैं, अफसोस ऐसे शर्मसार इतिहास रचने वाले नेताओं की राजनीति पर । थू है उनके कुल और खानदान पर ।Gwalior Times ग्वालियर टाइम्स https://www.blogger.com/profile/13775651893319326447noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-26342141671654710332008-11-30T05:31:00.000+05:302008-11-30T05:31:00.000+05:30"गुजरात में मोदी की सरकार ने जो कुछ भी किया, उससे ..."गुजरात में मोदी की सरकार ने जो कुछ भी किया, उससे भी आतंकवाद की फसल पैदा हो रही है"<BR/><BR/>यदि आप उसने वो किया इसलिये इसने हथियार उठाये की थ्योरी लगाते हैं तो इतनी सारी आतंकवादी घटनाओं के बाद हिन्दुओं को अपने हाथों में हथियार उठा लेने चाहिये थे.<BR/>आप गलत है श्री यूसुफ किरमानी, <BR/><BR/>और आप अमेरिका को अफगानिस्तान पर हमले का दोषी बताते हैं तो बताईये कि अमेरिका ने हमला क्यों बोला? क्या वह 9/11 का वार सहकर चुपचाप बैठ जाता और बार बार हमले सहता रहता? <BR/><BR/>माफ कीजिये वहां भारतीय राष्ट्रीय(?) कांग्रेस जैसी पार्टी और मनमोहन, सोनिया, पाटिल जैसे गैर जिम्मेदार व्यक्ति सत्ता में नहीं है.<BR/><BR/>इन दीपक चौपड़ाओं को जाने दीजिये, इनकी दुकानदारी लच्छेदार बातों से चलती ही रहती है, आप खुद बताईये कि आपको कैसा लग रहा है अपने देश पर हमले का यह घाव सहने के बाद?नयनसुखhttps://www.blogger.com/profile/00337537757591753030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1092512980772873719.post-23946891064071296862008-11-30T03:43:00.000+05:302008-11-30T03:43:00.000+05:30युसुफ जी आप मुसलमानो ने वैचारिक तौर पर दुनिया से ख...युसुफ जी आप मुसलमानो ने वैचारिक तौर पर दुनिया से खुद को अलग-थलग किया है,हो सकता है कि अमेरिका ऐसा कर रहा हो पर राष्ट्रवाद और इस्लाम एक राह पर पर तभी चलेंगे जब आप क़ुरान के इतर भी जाने की हिम्मत जुटा पाएँगे | मुसलमान भी इंसान होता है उसे एक मध्यकालीन विचारधारा मे क्यों क़ैद करते हो |Varun Kumar Jaiswalhttps://www.blogger.com/profile/06755807348407548036noreply@blogger.com