संदेश

उत्तर प्रदेश लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मनाली की हसीन वादियों में पहुँचा नीरो

चित्र
  रोम के जलने पर नीरो अब बाँसुरी नहीं बजाता वह मनाली की हसीन वादियो को किसी टनल के उद्घाटन के बहाने निहारने जाता है।... वही नीरो मोर को दाना चुगाते हुए अपने चेहरे पर मानवीयता की नक़ाब ओढ़ लेता है।... वह हाथरस कांड पर चुप है। नाले के गैस पर चाय बनाने से लेकर टिम्बर की खेती की सलाह देने वाला शख़्स सोलंग (हिमाचल प्रदेश) में लोकनृत्य पर अहलादित हो रहा है। नीरो के लिए हाथरस एक सामान्य घटना है। उसे यक़ीन है कि उसका फ़ासिस्ट हीरो हाथरस संभाल लेगा। फ़ासिस्ट हीरो ने हाथरस में वो कर दिखाया जो नागपुर प्रशिक्षण केन्द्र से प्रशिक्षित होकर निकले किसी सेवक ने आजतक नहीं किया था। फ़ासिस्ट हीरो ने जब तक चाहा मीडिया के परिन्दों को पर नहीं मारने दिया। मीडिया को हाथरस के उस गाँव में घुसने और गैंगरेप व हत्या की शिकार लड़की के परिवार से मिलने की इजाज़त तब मिलती है जब सारे सबूत मिटा दिए जाते हैं। उसकी लाश परिवार की ग़ैरमौजूदगी में जलाई जा चुकी है। उल्टा पीड़ित परिवार के नारको टेस्ट की इजाज़त दी जा चुकी है। कई फ़र्ज़ी दस्तावेज़ वायरल किए जा चुके हैं। पालतू अफ़सर से पिता को धमकाया जा चुका है। फासिस्ट हीरो व...

ये आलू नहीं किसानों के खून के आंसू हैं

चित्र
क्या आपकी नजर देश के मौजूदा हालात पर है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किसानों ने कई टन आलू मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास के सामने फेंक दिया है। इसके अलावा विधानसभा मार्ग, वीवीआईपी गेस्ट हाउस के पास और लखनऊ शहर के 1090 चौराहों पर आलू फेंके गए। यूपी का किसान भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीति से बेहद नाराज है। राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष शेखर दीक्षित का कहना है कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। हालात नहीं सुधरे तो किसानों ने आज आलू लखनऊ की सड़कों पर आलू फेंका है, कल गन्ना किसान यही काम कर सकते हैं और परसों गेहूं एवं धान के किसान ऐसा कर सकते हैं। दीक्षित ने कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो उत्तर प्रदेश में मंदसौर जैसी हिंसा हो सकती है। हालांकि भाजपा सरकार ने आलू फेंकने की घटना को शरारती तत्वों का काम बताया। जिस तरह महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव, पुणे और मुंबई में हुई हिंसा को बाहरी तत्वों का हाथ बताकर पल्ला झाड़ लिया यानी उसने महाराष्ट्र में दलितों और मराठों के संघर्ष को पूरी तरह नजरन्दाज कर मामला दूसरों पर डाल दिया। ठीक यही बात आलू फेंकने की घ...