बाजीगरों के खेल से होशियार रहिए
संसद में तमाम बाजीगर फिर एकत्र हो गए हैं और हमारे-आपके जेब से टैक्स का जो पैसा जाता है, वह इन्हें भत्ते के रूप में मिलेगा। जाहिर है एक बार फिर इन सबका मुद्दा आतंकवाद ही होगा। मीडिया के हमले से बौखलाए इन बाजीगरों में इस बार गजब की एकजुटता दिखाई दे रही है। चाहे वह आतंकवाद को काबू करने के लिए किसी केंद्रीय जांच एजेंसी बनाने का मामला हो या फिर एक सुर में किसी को शाबासी देने की बात हो। प्रधानमंत्री ने मुंबई पर हमले के लिए देश से माफी मांग ली है और विपक्ष के नेता व प्रधानमंत्री बनने के हसीन सपने में खोए लालकृष्ण आडवाणी ने सरकार द्वारा इस मुद्दे पर अब तक की गई कोशिशों पर संतोष का भाव भी लगे हाथ जता दिया है। आडवाणी ने केंद्रीय जांच एजेंसी बनाने पर भी सहमति जता दी है। आडवाणी यह कहना भी नहीं भूले कि राजस्थान और दिल्ली में बीजेपी की हार का मतलब यह नहीं है कि हमारे आतंकवाद के मुद्दे को जनता का समर्थन हासिल नहीं है। तमाम बाजीगर नेता जनता का संदेश बहुत साफ समझ चुके हैं और उनकी इस एकजुटता का सबब जनता का संदेश ही है। यह हकीकत है कि मुंबई का हमला देश को एक कर गया है। इतनी उम्मीद बीजेपी और मुस्लिम कट्टर...