तू मुसलमान है तो क्यों है...
तमाम वजहों से मुसलमान हर वक्त चर्चा में रहता है लेकिन इन दिनों कुछ ज्यादा चर्चा में है। कभी किसी ब्लॉग पर तो कभी किसी अखबार में। लगता है कि इस समय देश का सबसे जरूरी काम मुसलमानों पर चर्चा करना ही रह गया है। तो मैं भला पीछे क्यों रहूं। मैं अपने इस ब्लॉग पर इस चर्चा को जानबूझकर कर रहा हूं। पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ियों पर फिल्म अभिनेता शाहरुख खान की टिप्पणी के बाद उनकी फिल्म माई नेम इज खान का शिवसेना के गुंडों ने जिस तरह से विरोध की कोशिश की, उसे इस देश के लोगों ने अपने ही ढंग से जवाब देकर उनकी कोशिश को तार-तार कर दिया। हालांकि शिवसेना के लोग यह जाने बिना विरोध कर रहे थे कि हो सकता है कि यह शाहरुख की अपनी फिल्म को सफल बनाने के लिए की गई चालाकी हो, क्योंकि मुझसे निजी बातचीत में तमाम मुस्लिम लोगों ने कहा कि यह सब शाहरुख की चालाकी थी, जिसमें शिवसेना पस्त हो गई। लेकिन मैं शाहरुख पर कोई शक किए बिना इस बात को आगे बढ़ाना चाहता हूं। इस देश में कट्टरवाद के पोषक एक खास किस्म के तालिबानियों (मैं यहां किसी धर्म विशेष का नाम नहीं ले रहा हूं, आप समझदार हैं) ने जो माहौल बना दिया है, उसमें आम मुसलमान क्...