नई दुनिया का शुरू होना
देश में चुनावी माहौल धीरे-धीरे अपने रंग में आ रहा है। कई शहरों में serial blast हो चुके हैं और हिंदू-मुसलमानों के बीच गलतफहमी पैदा करने की कोशिशें परवान चढ़ने लगी हैं। यह सब voting के वक्त फसल काटने की तैयारी का ही हिस्सा है। कुछ इन्हीं हालात में नई दिल्ली New Delhi से एक नए newspaper नई दुनिया का शुरू होना कुछ सुखद अहसास करा गया है। मैं नवभारत टाइम्स में काम करता हूं और आमतौर पर journalism के मक्का दिल्ली में इसका चलन कम ही है कि किसी दूसरे तारीफ की जाए। मैं अपने hawker को बहुत पहले ही कह चुका था कि मुझे २ अक्टूबर से ही नई दुनिया अखबार चाहिए। eid का त्यौहार होने के बावजूद सुबह सबसे पहले अखबार पढ़ने से ही की। हॉकर ने अपना वादा पूरा किया था। सबसे पहले नई दुनिया ही उठाया। पहले ही पेज पर प्रधान संपादक आलोक मेहता देश के कुछ अन्य जानी-मानी शख्सियतों के साथ अखबार के पत्रिका की प्रति हाथ में लिए हुए खड़े नजर आए। साथ में गुलजार, जावेद अख्तर, राजेंद्र यादव भी थे। मुझे लगा कि लगता है किसी मंत्री वगैरह ने टाइम नहीं दिया इसलिए किसी बड़े नेता की तस्वीर नहीं लगी है। लेकिन जैसे-जैसे बाकी पन्ने पलटे त...