आतंकवादियों को पहचानो
मुंबई (Mumbai) जल रही है और तमाम राजनीतिक दल राज ठाकरे को हीरो बनाने में लगे हुए हैं। वह पार्टियां जो ठाकरे के खिलाफ आवाज उठा रही हैं उनके स्वर भी इतने मुखर नहीं है। पिछले एक साल से यह शख्स अपनी राजनीतिक दुकानदारी चमकाने के लिए मुंबई सिर्फ मराठियों का राग छेड़े हुए है। इस बार इसकी शुरुआत फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के घर पर पथराव करके और फिर उनकी पत्नी जया बचच्न के खिलाफ घटिया बयानबाजी से हुई। उन्हें चूंकि अभी मुंबई में अभिषेक बच्चन को स्टैंड कराना है तो वे ठाकरे खानदान से बैर मोल नहीं ले सकते, इसलिए माफी-तलाफी के बाद बात खत्म हो गई। लेकिन इसके बाद से ठाकरे खानदान की बदमाशी बढ़ गई। ठाकरे खानदान के लिए अलगाववादी आंदोलन (separatist movement )चलाना नया नहीं है। उन्हें ऐसे आंदोलनों की खेती करना आता है। बाल ठाकरे से लेकर राज ठाकरे और बीच में उद्धव ठाकरे तक इतिहास गवाह है कि इस खानदान ने मुंबई को बांटने के अलावा कुछ नहीं किया। इस बात पर बहुत कुछ लिखा और कहा जा चुका है कि मुंबई सबकी है। उसकी तरक्की में यूपी-बिहार से गए लोगों का उतना ही हाथ है जितना वहां के मराठियों का। यह इसी तरह की बयानबाजी ह...