संदेश

DU लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

...क्योंकि गुरमेहर कौर के विचारों से तुम डरते हो

चित्र
(This article first appeared in Nav Bharat Times online Blog Hindivani) किसी को अगर अभी मुगालता है कि भगवा ब्रिगेड से जुड़े संगठन, केंद्रीय मंत्री, पार्टी नेता देश की राष्ट्रीय अस्मिता बचाने के लिए जेएनयू (JNU) के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में भी कोई महान काम कर रहे हैं तो उन्हें अपनी गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए। ...लेडी श्रीराम ( LSR ) कॉलेज की छात्रा गुरमेहर कौर (#GurmeharKaur) ने अब खुद को सारे प्रदर्शनों से अलग कर लिया है। उसने कहा है कि वो अपने कैंपेन से पीछे हट रही है और जिसका जो भी मन आए करे। ....आप लोगों के लिए यह एक वाक्य हो सकता है लेकिन इसके पीछे छिपी टीस को अपने क्या महसूस किया। ....गुरमेहर ने भगवा ब्रिगेड (SaffronBrigade) की गुंडागर्दी के खिलाफ आवाज उठाई और चंद ट्वीट किए...सिर्फ इतनी ही बात पर उसे रेप की धमकी दी गई...इतनी ही नहीं देश का जिम्मेदार गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू बयान देता है कि आखिर ऐसे लोगों को सिखाता कौन है यानी गुरमेहर ने कुछ लोगों के सिखाने में आकर गुंडागर्दी के खिलाफ आवाज उठाई। कुछ और मंत्री भी गुरमेहर की निंदा करने से पीछे नहीं रहे...। क्या र...

उस दिन जो रामजस कालेज में हुआ...एक स्टूडेंट का पत्र....

चित्र
देश के गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू का कहना है कि केंद्र सरकार किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी को राष्ट्रविरोधी नारे लगाने वालों का अड्डा नहीं बनने देगी लेकिन यह मंत्री रामजस कॉलेज के उन सैकड़ों स्टूडेंस की आवाज सुनने को राजी नहीं है कि आखिर 22 फरवरी को उनके साथ क्या हुआ था...हिंसा करने वाले कौन थे। दिलीप सॉइमन के ब्लॉग पर मुझे रामजस कॉलेज के ही एक स्टूडेंट का पत्र मिला, जिससे सारी असलियत सामने आई है। मुख्यधारा की मीडिया में जो दिखाया गया और छापा गया, उससे भी ज्यादा बदमाशी उस दिन रामजस कॉलेज में हुई...कैसे पुलिस ने हिंसा करने वालों का साथ दिया कैसे एक गुंडागर्दी को अब देशभक्ति और गलत राष्ट्रवाद से जोड़ा जा रहा है, रामजस की घटना उसका जीता जागता उदाहरण है।...आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएं बढ़ने वाली हैं और उसके नतीजे उन लोगों को भी भुगतने होंगे जिन्हें इस तरह के राष्ट्रवाद पर अभी बहुत प्रेम उमड़ रहा है... अगर मिल सके तो 23 फरवरी को अमर उजाला ने पहले पेज पर एक फोटो छापा है जो बताता है कि पुलिस ने किस तरह इस घटना में हरकत की। आपको एक पुलिस वाला एक छात्रा को आपत्तिजनक से ढंग से छूता हुआ दिखाई...

एक बेबस मां और हमारी एक्सक्लूसिव खबर

चित्र
...उम्मीद है कि जेएनयू के गायब छात्र नजीब की बेबस मां को सड़क पर घसीटे जाने और हिरासत में लिए जाने की तस्वीर आप भूले नहीं होंगे।...लेकिन अब तमाशा देखिए....जो दिल्ली पुलिस नजीब को 26 दिन से नहीं तलाश कर पाई अब वो नजीब को इमोशनली डिस्टर्ब बता रही है। यानी वो अंदर ही अंदर ही किसी बात को लेकर परेशान था, इसलिए खुद ही गायब हो गया। ...यह महान खबर दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से कुछ अखबारों ने छापी है। ऐसे भी कह सकते हैं कि इस मामले में चारों तरफ से फजीहत की शिकार पुलिस ने यह खबर अखबारों में प्लांट करा दी।  एक्सक्लूसिव की तलाश में भटकने वाले रिपोर्टर साथियों ने तह में जाने की कोशिश नहीं की कि इस खबर का मकसद क्या हो सकता है। दिल्ली पुलिस उन तथ्यों पर पर्दा डाल रही है कि नजीब के हॉस्टल में जाकर जिन स्टूडेंट्स या तत्वों ने मारपीट की थी, वो कौन लोग थे। नजीब उस घटना के फौरन बाद से गायब है। इस मामले में सवाल न पूछने वाले पत्रकार मित्र लगातार गलतियां कर रहे हैं। एक दिन पहले दिल्ली पुलिस खबर छपवाती है कि अब वो नजीब को तलाशने के लिए विदेशों की तर्ज पर सारी घटनाओं को रिकंस्ट्रक्ट...