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न वो गुरुजन न वो चेले...गलत

रोजाना आपका सामना टीवी से लेकर अखबार तक ऐसी खबरों से पड़ता होगा जो आपको विक्षोभ से भर देती होंगी। लेकिन इसी दौरान कुछ खबरें ऐसी भी आती हैं कि जिनसे आपको ऊर्जा मिलती है और आप कहते उठते हैं कि दुनिया में अच्छाई अभी बाकी है। ऐसी ही दो खबरों के हवाले से अपनी बात कहना चाहता हूं। दोनों ही खबरें बुधवार बहुत कम जगह में अंग्रेजी अखबार द हिंदुस्तान टाइम्स (26 अगस्त 2009) में जगह पा सकी हैं। एक खबर दक्षिण भारत के शहर मद्रास (चेन्नै) से है। नामक्कल जिले के एक गांव में तमिल भाषा (Tamil Language) के विद्वान (Scholar)और रिटायर्ड टीचर एस. वी. वेंकटरमण को उनके चेलों ने इसी 5 सितंबर (2009) को गुरु दक्षिणा में एक अनोखा तोहफा (Unique Gift) देने का निर्णय लिया है। यह तोहफा है एक दो मंजिला मकान। खबर में पूरी बात यह कही गई है कि वेंकटरमण रिटायर हो गए और उनको वह इलाका छोड़कर अपने गांव इसलिए वापस जाना पड़ा कि वे मकान का महंगा किराया अदा नहीं कर सकते थे। उनके पास अपना मकान नहीं था। रिटायरमेंट के बाद उनको जो फंड का पैसा मिला वह उन्होंने लड़कियों की शादी में खर्च किया। यह अफसोसनाक सूचना जब उनके पढ़ाए हुए पुराने स...