सलीम की दाढ़ी का एक पक्ष यह भी है...
मध्य प्रदेश के एक ईसाई स्कूल में पढ़ने वाले मुस्लिम छात्र की दाढ़ी पर मेनस्ट्रीम मीडिया में भी बहस शुरू हो चुकी है। हिंदी वाणी ब्लॉग पर इस मुद्दे को सबसे पहले अलीका द्वारा लिखे गए एक लेख के माध्यम से सबसे पहले उठाया गया था। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया जिसमें कोर्ट ने ईसाई स्कूल के फैसले से सहमति जताई है। पूरा संदर्भ समझने के लिए पहले नीचे का लेख पढ़ें और फिर प्रदीप कुमार के इस लेख पर आएं। प्रदीप कुमार नवभारत टाइम्स में कोआर्डिनेटर एडीटर थे और हाल ही में रिटायर हुए हैं लेकिन विभिन्न विषयों पर उनके लिखने का सिलसिला जारी है। उनका यह लेख सलीम की दाढ़ी के मुद्दे को नए ढंग से देख रहा है। अपने नजरिए को दरकिनार करते हुए पेश है प्रदीप कुमार का लेख, जिसे नवभारत टाइम्स से साभार सहित लिया गया है। - यूसुफ किरमानी आखिर दाढ़ी क्यों रखना चाहता है सलीम -प्रदीप कुमार भोपाल के निर्मला कान्वंट हायर सेकंडरी स्कूल के एक छात्र मोहम्मद सलीम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मार्कंडेय काटजू की टिप्पणी और उस पर बड़ी बेंच का प्रस्तावित फैसला संवैधानिक एवं सांप्रदायिक संबंधों के इतिहास में लंबे समय तक ...