हिन्दुत्व के नए एजेंडे का आग़ाज़ है मोदी का नया नैरेटिव
मेरा यह लेख जनचौक डॉट कॉम पर प्रकाशित हो चुका है। इसे यहाँ हिन्दीवाणी के नियमित पाठकों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। मोदी ने कल अयोध्या में अपने भाषण में स्वतंत्रता आंदोलन (Freedom Movement) की तुलना राम मंदिर आंदोलन (RJB Movement) से कर दी। मुझे लगा कि जरूर तमाम देशभक्तों का ख़ून खौलेगा और इस पर वो मोदी को आड़े हाथों लेंगे। लेकिन देशभक्तों ने मोदी के इस नैरेटिव (विचार) को स्वीकार कर लिया है। मोदी नया नैरेटिव गढ़ने में माहिर है। सब जानते हैं कि देश की आजादी की लड़ाई में शहीदेआजम भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, अशफाकउल्लाह खान से लेकर गांधी जी तक किसका क्या योगदान था। लोग धर्म, जाति, क्षेत्र की परवाह किए बिना इसमें शामिल थे। लेकिन मोदी का नैरेटिव कहता है कि आरजेबी मूवमेंट आजादी की लड़ाई से भी बड़ा आंदोलन था। आजादी के जिस आंदोलन ने देश को एकता के धागे में पिरोया, आज वह एक धर्म विशेष के चंद लोगों के आंदोलन के सामने बौना हो गया। मोदी ने अपना नया नैरेटिव पेश करने के दौरान गांधी जी का नाम लिया। लेकिन उसी मुँह से गांधी के हत्यारे और हिन्दू महास...