लालकिले की आड़ में डालमिया का पीआर
मोदी सरकार ने लालकिला अगर डालमिया ग्रुप को 25 करोड़ रुपये में गोद दे दिया है तो इसमें हर्ज क्या है...देख रहा हूं सुबह से इसी पर सारे लोग ज्ञान बघार रहे हैं... बात सिर्फ इतनी सी है कि ब्यूरोक्रेसी और कॉरपोरेट मिलकर इस तरह का खेल करते रहते हैं। ये सारी चीजें विशुद्ध संपर्क बढ़ाने या पीआर के लिए की जाती हैं।... डालमिया ग्रुप के लिए 25 करोड़ कुछ नहीं है...लेकिन इसके बदले इसके मालिक उन सारी सरकारी मीटिंगों में बैठेंगे, मंत्रियों से बात करेंगे...प्रधानमंत्री के साथ फोटो खिचेंगी। ... अगर डालमिया ग्रुप का मालिक सीधे प्रधानमंत्री के पास जाएगा तो शायद मुलाकात भी न हो सके...लेकिन लालकिले को खूबसूरत बनाने के नाम पर यह मुलाकात संभव है.... हो सकता है कि वह मोदी को तरकीब बताए कि इस बार 15 अगस्त पर जब आप आखिरी भाषण देंगे तो आपके बगल में मिशन 2019 का एक गुब्बारा लहराता रहेगा, ताकि देश के करोड़ों लोगों तक आपका संकेत सीधे पहुंच जाए और मोदी जी डालमिया ग्रुप के मालिक के लिए फौरन पद्मश्री वगैरह का इंतजाम कर दें... क्या आपको वित्त मंत्रालय का वह कार्यक्रम याद है जि...