कुछ उलझनें...गर तुम सुलझा सको...
ये कुछ उलझनें हैं...परोस रहा हूं आपको...गर तुम सुलझा सको... टि्वटर (Twitter) पर आप की पार्टी के सांसद ने एक फोटो पोस्ट किया है... आप देश के सबसे ब़ड़े उद्योगपति की पत्नी और बेटे से मिल रहे हैं...अपने दफ्तर में... मिलना ही चाहिए...बुराई क्या है... ...लेकिन तीन दिन बाद गैस के दाम बढ़ा दिए जाते हैं और डीजल के दाम कम कर दिए जाते हैं...लेकिन साथ ही डीजल के दाम तय करने का अधिकार खुले बाजार में कंपनियों को दे दिया जाता है...(इसे लेकर मैं क्यो उलझन में हूं, समझ में नहीं आता...) मित्रों, ने फेसबुक (Facebook, Youtube) पर आपके चुनावी भाषणों की याद ताजा की ...काले धन की एक-एक पाई वापस लाएंगे... आपका मंत्री कह रहा है कि...ऐसा होगा तो वैसा हो जाएगा और अगर वैसा हो जाएगा तो ऐसा हो जाएगा... देश के सबसे बड़े रईस आपके दोस्त हैं...किसका कितना काला धन कहां रखा है, आपके रईस दोस्त को तो जरूर पता होगा, उन्हीं से पूछ लीजिए...(ये उलझन तो आसानी से सुलझ सकती है) लव जेहाद के इतने नाटकीय अंत की उम्मीद किसी को नहीं थी, क्या आपको थी...क्या आप भी फिर से लव और जेहाद दोनों करेंगे...आखिर एकाकी