संदेश

जून, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भूल गए मेरी करामात...

एक साल में यह हाल कि दुनिया करे सवाल उस बुड्ढे की ये मजाल कि अपने साक्षात्कार से मचाए भौकाल क्या भूल गए सब लोग मेरा गुजरात क्या याद नहीं मेरी पुरानी करामात अरे ओ मोटू जरा बता मेरी औकात और हां नागपुर को भेज नई सौगात मैं हिंसक हूं, विंध्वसक हूं, मैं काल हूं मैं राजा विक्रमादित्य का बेताल हूं मैं देश का जीता जागता संक्रमणकाल हूं मैं मानवीयता से बेहद कंगाल हूं मेरे नवधनकुबेर मित्रों को कुछ न कहना अभी तो कई साल यही सब होगा सहना इस सोने की चिड़िया को होगा बार-बार मरना दाढ़ी, टोपी, तसबीह टांग दो सब खूंटी पर मुल्ला जी, नमाज पढ़ो जाकर किसी चोटी पर फिक्र न करना, याद रखना ये होगी अस्थायी हिजरत गिरना, उठना, फिर जुटना है इंसान की फितरत भरोसा रखो, आगे बढ़ो, छा जाओ भारत पर @copyright2015Yusuf Kirmani 

आजतक बहुत घटिया चैनल है...क्या सचमुच

यह कैसे तय होगा कि कौन सा न्यूज चैनल सबसे अच्छा है और फलां सबसे खराब...यह कैसे तय होगा कि कौन से खबरिया चैनल का पत्रकार सबसे अच्छा है और फलां सबसे खराब...क्या किसी खबरिया चैनल को घटिया कह देने से आप मेरी बात मान लेंगे... केंद्रीय मानव संसाधन (एचआरडी) मंत्री स्मृति इरानी को लेकर आजतक चैनल ने इसी सोमवार को एक शो दिखाया जिसका शीर्षक था – स्मृति की परीक्षा। इस शो में रिपोर्टर के सवाल औऱ बीजेपी समर्थकों द्वारा रिपोर्टर के खिलाफ नारेबाजी ने इस बहस को फिर जन्म दे दिया है कि क्या टीवी न्यूज के पत्रकारों को अपने गिरेबान में झांकने का वक्त आ गया है। उस शो में आजतक के रिपोर्टर अशोक सिंघल ने स्मृति से ऐसा सवाल पूछा जो महिलाओं की गरिमा के खिलाफ था औऱ सीधे-सीधे स्मृति के चरित्र पर चोट करता था। उनका सवाल था – नरेंद्र मोदी ने सबसे कम उम्र की मंत्री बनाया आपको, एचआरडी जैसा बड़ा पोर्टफोलियो दिया और डिग्री का भी विवाद है, आप ग्रैजुएट हैं या अंडर ग्रैजुएट...लेकिन क्या खूबी लगी आपमें...क्या वजह थी... बात इससे पहले आगे बढ़ाई जाए, उससे पहले साफ कर दूं कि मैं किसी पार्टी या नेता विशेष का समर्थक नही...