मोदी जीतें या फिर केजरीवाल...देश जरूर पूछेगा सवाल
बिना किसी भूमिका के कुछ वजहों से दिल्ली के चुनावी दंगल में अरविंद केजरीवाल की जीत क्यों हो, इसको बताना जरूरी लग रहा है...औऱ इनमें से किसी एक की जीत होने पर सवाल तो पूछे ही जाते रहेंगे...यह किसी टीवी चैनल की अदालत नहीं है जहां सब कुछ मैनेज कराकर सवाल पूछे जाते है...जनता की अदालत का सामना बार-बार करना पड़ेगा... - दिल्ली के चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल किसने बनाया...आपने इसे क्यों नहीं इसे एक छोटे से राज्य का सामान्य सा विधानसभा चुनाव मानकर क्यों नहीं लड़ा। देश के प्रधानमंत्री की इज्जत एक मामूली से विधानसभा चुनाव में दांव पर लगाने की जरूर क्या थी, किरन बेदी की इज्जत पूरे देश में एक तेजतर्रार महिला आईपीएस की रही है लेकिन अफसोस की इस चुनाव ने इस इमेज को तार-तार कर दिया...और यह सब उस महान रणनीतिकार के कारण हुआ जिसे चारों केसरिया रंग देखने की आदत पड़ गई है... -बीजेपी और इसके ब्ल्यू आइड ब्वॉय नरेंद्र मोदी को पिछले लोकसभा चुनाव में पूरे देश ने भारी बहुमत से जिताकर लोकसभा में भेजा। पिछले 8 महीनों से यह देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि सरकार कुछ ठोस पहल करेगी लेकिन बदले में पब्लिक