ओबामा और इस्राइल की गुंडागर्दी
आखिरकार मुझे ब्लॉग की दुनिया में फिर से लौटने का मौका मिल ही गया। नए साल की शुरुआत जिस उथल-पुथल भऱे माहौल में हुई थी, उससे तो लग रहा था कि इसके लिए समय निकालने के दिन गए। लेकिन अब समय मिला तो फिर हाजिर हूं कि – मैं गया हुआ वक्त नहीं हूं जो लौटकर न आऊंगा...मैं जरूर आऊंगा और बार-बार आऊंगा। इतने दिनों की गैरमौजूदगी के लिए माफी चाहता हूं - यूसुफ किरमानी
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बरॉक ओबामा से फिलहाल आम अमेरिकी का मोह भंग नहीं हुआ है लेकिन अमेरिकी विश्लेषकों ने दबी जबान से यह कहना शुरू कर दिया है कि जॉर्ज डब्लू बुश की विदेश और सामरिक नीतियों से जो अमेरिका गर्त में जा चुका है, कमोबेश ओबामा भी उसी पर चलने वाले हैं। क्योंकि ओबामा के एक्शन यही बता रहे हैं। इसका सबसे बड़ा सबूत है इस्राइल का गाजा पट्टी पर हमला और बेगुनाहों का नरसंहार। ओबामा ने एक लफ्ज भी इस्राइल की गुंडागर्दी के खिलाफ नहीं बोला। ओबामा ने शायद उन 87 मासूमों की लाशों को देखा होगा, जिन्हें इस्राइल ने एक मिसाइल गिराकर मार डाला। इस्राइल ने यह हमला यह कहकर किया है कि फिलिस्तीन की सत्तासीन सरकार हमास लगातार इस्राइल के कुछ इलाकों पर हमले कर रही है। लेकिन पश्चिमी मीडिया, जो अमेरिका और इस्राइल के कब्जे में ही है, आज तक एक भी फोटो या विडियो पेश नहीं कर पाया, जिसमें हमास की किसी कार्रवाई को साबित किया जा सकता था। हमास वह हमले इस्राइल में कहां कर रहा है, दुनिया भी इसकी असलियत जानना चाहती है। लेकिन एशियाई देशों के तमाम राजनीतिक विश्लेषक इस कदर अमेरिकी मोह में फंसे हुए हैं कि अमेरिका और इस्राइल के इस खुले आतंकवाद के बारे में सवाल तक नहीं पूछना चाहते हैं। तमाम अमेरिकी विश्लेषक इस बात को उठा रहे हैं कि इस्राइल का यह हमला न सिर्फ निंदनीय है बल्कि इससे पश्चिमी देशों में उग्रवाद को और खाद-पानी मिलेगा। अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों की जमीन पुख्ता होगी।
मेरे अंग्रेजी के ब्लॉग में इस संबंध में आप कुछ जाने-माने अमेरिकी विश्लेषकों के विचार पढ़ सकते हैं। उनके साथ कुछ विडियो भी हैं जो इस्राइल की असलियत बताने के लिए काफी हैं।
कुल मिलाकर विश्व परिदृश्य में इस समय खतरनाक हललचल है। भारत की बात करें तो समूचा उद्योग जगह मंदी की मार से थर्राया हुआ है और एक बड़ी आईटी कंपनी सत्यम के डूबने के बाद स्थितियां और भी भयावह हुई हैं। पाकिस्तान से भारत के संबंध सुधरने के बाद और बिगड़े हैं और पाकिस्तान द्वारा मुंबई घटना की अपने ढंग से लगातार व्याख्या किए जाने की वजह से तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
विश्लेषक कह रहे हैं कि ये सारे घटनाक्रम आपस में जुड़े हुए हैं। यह सब अमेरिका को मंदी से उबारने का तरीका है। दक्षिण एशिया में अशांति का मतलब अमेरिका की पूछ और हथियारों की मांग बढ़ना। भारत, पाकिस्तान और खाड़ी के सारे देश अमेरिका के ग्राहक हैं। बहरहाल, सच्चाई जो भी हो, इन हालात में हम सब लोग कितनी देर चुप्पी साधे बैठे रह सकते हैं, यह हम लोगों को ही तय करना है। अगर आपकी नजर में गाजा पट्टी में मारे गए मासूम वाकई बेगुना हैं तो आप कम से कम ऐसे गुंडों की निंदा तो कर ही सकते हैं।
इस विडियो को जरूर देखें -
मेरे अंग्रेजी ब्लॉग पर इन लेखों को आप पढ़ सकते हैं।
Gazan Voice:Siege of Gaza- I want to write about the suffering of my people and my family in these days of siege against the people of Gaza. 888 people have been killed and more than 3700 injured. The Red Cross has accused the Israeli military of repeatedly refusing to allow ambulances to go to Zeitoun area, so those who are injured become those who die; a premeditated and purposeful violation of human rights.
Shame: America is an Israeli colony
- “Early Friday morning the secretary of state was considering bringing the cease-fire resolution to a UNSC vote and we didn’t want her to vote for it.” Olmert said “I said ‘get President Bush on the phone.’ They tried and told me he was in the middle of a lecture in Philadelphia. I said ‘I’m not interested, I need to speak to him now.’ He got down from the podium, went out and took the phone call.”
The Gaza Truth
Growing evidence emerged today of the bloodiest single incident of the Gaza conflict when around 70 corpses were found by a Palestinian paramedic near a bombed-out house.
Latest on Palestinian Struggle, Read this man,s blog
Haitham Sabbah is a Palestinian activist and blogger. He was born in exile in Kuwait on 2nd April 1969. The last time he was allowed to visit his homeland, Occupied Palestine was in 1986. He has never been allowed entry to his homeland since then. He has lived in many countries throughout the Arab world including Jordan, UAE and currently resides in Bahrain. He graduated in 1990 from Birla Institute of Technology - India with a degree in Engineering, Electronics and Communication.
Link of Sabbah's Blog: http://sabbah.biz
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बरॉक ओबामा से फिलहाल आम अमेरिकी का मोह भंग नहीं हुआ है लेकिन अमेरिकी विश्लेषकों ने दबी जबान से यह कहना शुरू कर दिया है कि जॉर्ज डब्लू बुश की विदेश और सामरिक नीतियों से जो अमेरिका गर्त में जा चुका है, कमोबेश ओबामा भी उसी पर चलने वाले हैं। क्योंकि ओबामा के एक्शन यही बता रहे हैं। इसका सबसे बड़ा सबूत है इस्राइल का गाजा पट्टी पर हमला और बेगुनाहों का नरसंहार। ओबामा ने एक लफ्ज भी इस्राइल की गुंडागर्दी के खिलाफ नहीं बोला। ओबामा ने शायद उन 87 मासूमों की लाशों को देखा होगा, जिन्हें इस्राइल ने एक मिसाइल गिराकर मार डाला। इस्राइल ने यह हमला यह कहकर किया है कि फिलिस्तीन की सत्तासीन सरकार हमास लगातार इस्राइल के कुछ इलाकों पर हमले कर रही है। लेकिन पश्चिमी मीडिया, जो अमेरिका और इस्राइल के कब्जे में ही है, आज तक एक भी फोटो या विडियो पेश नहीं कर पाया, जिसमें हमास की किसी कार्रवाई को साबित किया जा सकता था। हमास वह हमले इस्राइल में कहां कर रहा है, दुनिया भी इसकी असलियत जानना चाहती है। लेकिन एशियाई देशों के तमाम राजनीतिक विश्लेषक इस कदर अमेरिकी मोह में फंसे हुए हैं कि अमेरिका और इस्राइल के इस खुले आतंकवाद के बारे में सवाल तक नहीं पूछना चाहते हैं। तमाम अमेरिकी विश्लेषक इस बात को उठा रहे हैं कि इस्राइल का यह हमला न सिर्फ निंदनीय है बल्कि इससे पश्चिमी देशों में उग्रवाद को और खाद-पानी मिलेगा। अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों की जमीन पुख्ता होगी।
मेरे अंग्रेजी के ब्लॉग में इस संबंध में आप कुछ जाने-माने अमेरिकी विश्लेषकों के विचार पढ़ सकते हैं। उनके साथ कुछ विडियो भी हैं जो इस्राइल की असलियत बताने के लिए काफी हैं।
कुल मिलाकर विश्व परिदृश्य में इस समय खतरनाक हललचल है। भारत की बात करें तो समूचा उद्योग जगह मंदी की मार से थर्राया हुआ है और एक बड़ी आईटी कंपनी सत्यम के डूबने के बाद स्थितियां और भी भयावह हुई हैं। पाकिस्तान से भारत के संबंध सुधरने के बाद और बिगड़े हैं और पाकिस्तान द्वारा मुंबई घटना की अपने ढंग से लगातार व्याख्या किए जाने की वजह से तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
विश्लेषक कह रहे हैं कि ये सारे घटनाक्रम आपस में जुड़े हुए हैं। यह सब अमेरिका को मंदी से उबारने का तरीका है। दक्षिण एशिया में अशांति का मतलब अमेरिका की पूछ और हथियारों की मांग बढ़ना। भारत, पाकिस्तान और खाड़ी के सारे देश अमेरिका के ग्राहक हैं। बहरहाल, सच्चाई जो भी हो, इन हालात में हम सब लोग कितनी देर चुप्पी साधे बैठे रह सकते हैं, यह हम लोगों को ही तय करना है। अगर आपकी नजर में गाजा पट्टी में मारे गए मासूम वाकई बेगुना हैं तो आप कम से कम ऐसे गुंडों की निंदा तो कर ही सकते हैं।
इस विडियो को जरूर देखें -
मेरे अंग्रेजी ब्लॉग पर इन लेखों को आप पढ़ सकते हैं।
Gazan Voice:Siege of Gaza- I want to write about the suffering of my people and my family in these days of siege against the people of Gaza. 888 people have been killed and more than 3700 injured. The Red Cross has accused the Israeli military of repeatedly refusing to allow ambulances to go to Zeitoun area, so those who are injured become those who die; a premeditated and purposeful violation of human rights.
Shame: America is an Israeli colony
- “Early Friday morning the secretary of state was considering bringing the cease-fire resolution to a UNSC vote and we didn’t want her to vote for it.” Olmert said “I said ‘get President Bush on the phone.’ They tried and told me he was in the middle of a lecture in Philadelphia. I said ‘I’m not interested, I need to speak to him now.’ He got down from the podium, went out and took the phone call.”
The Gaza Truth
Growing evidence emerged today of the bloodiest single incident of the Gaza conflict when around 70 corpses were found by a Palestinian paramedic near a bombed-out house.
Latest on Palestinian Struggle, Read this man,s blog
Haitham Sabbah is a Palestinian activist and blogger. He was born in exile in Kuwait on 2nd April 1969. The last time he was allowed to visit his homeland, Occupied Palestine was in 1986. He has never been allowed entry to his homeland since then. He has lived in many countries throughout the Arab world including Jordan, UAE and currently resides in Bahrain. He graduated in 1990 from Birla Institute of Technology - India with a degree in Engineering, Electronics and Communication.
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टिप्पणियाँ
मिल नही रही है?????????
kala ho ya gora, naukar usi kali vyavastha ka hai...apne yahan bhi Atal bhirai ko udar batane ka faishon tha....
baharal phalistine ke logon ke sangharsh, sapno aur ummeedo ki kavita dekhen mere blog par
Bahut shadar blog hain.
Aaapko is nacheez kee yaad hai?
Mein Bareilly aagaya hoon. Aapko search kar raha tha tab pata chala aap is jagah bhee hain. mera mail hai ashokkumarsharma@ms.com
www.salaamzindadili.blogspot.com