आसमान पर शैतानी पतंगें




आओ पतंग उड़ाना सीखें

कानून के हाथ से पतंग की डोर लंबी होती है

वह डोर बांध लेती है अपने मोहपाश में सभी को

नेता को, अभिनेता को, दलाल को, इंसाफकारों को

उसके पेच में फंस जाते हैं सब

फुटपाथ पर सोने वाले भी दम तोड़ देते हैं इसमें अक्सर फंसकर

उन्हें पता नहीं होता, उड़ाने वाला तो कहीं और बैठा होता है छिपकर

फंसता है जब पतंगबाज तो कानून, नेता बचाने निकल पड़ते हैं मिलकर   

पतंगों की जाल में उलझा है यह देश

तरह-तरह की शक्ल वाली पतंगें हैं आसमान पर

मुद्दों से भटके देश में शैतानी पतंगें हैं आसमान पर

असहनशीलता, नाइंसाफी, दंगाइयों की पतंगें हैं आसमान पर

आखिर किस रहबर पर ऐतबार है हम सब को

क्यों इंसाफ का इंतजार 'यूसुफ किरमानी' है तुमको

   




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