आओ चलो टिम्बर की खेती करें


आओ, चलो #टिम्बर की खेती करें
गेहूं, धान बोने की जरूरत क्या है
टिम्बर है तो जीवन में अंबर है
बिना टिम्बर जीवन भयंकर है
आओ, चलो टिम्बर की खेती करें
गन्ना, #अरहर बोने की जरूरत क्या है
टिम्बर है तो जीवन कलंदर है
बिना टिम्बर जीवन समंदर है
आओ, चलो टिम्बर की खेती करें
साग, सरसों बोने की जरूरत क्या है
टिम्बर है तो जीवन #हिंदुस्तान है
बिना टिम्बर जीवन #पाकिस्तान है
आओ, चलो टिम्बर की खेती करें
मक्का, बाजरा बोने की जरूरत क्या है
टिम्बर है तो जीवन #गाय है
बिना टिम्बर जीवन चाय है
आओ, चलो टिम्बर की खेती करें
ज्वार,ग्वार बोने की जरूरत क्या है
टिम्बर है तो जीवन फलित है
बिना टिम्बर जीवन #दलित है
आओ, चलो टिम्बर की खेती करें
टमाटर, आलू बोने की जरूरत क्या है
टिम्बर है तो जीवन #मनकीबात है
बिना टिम्बर जीवन पेट पर लात है
आओ, चलो टिम्बर की खेती करें
खेत, खलिहान की जरूरत क्या है
टिम्बर है तो जीवन #अडानी है
बिना टिम्बर जीवन #किरमानी है
संदर्भ ः यह कविता #प्रधानमंत्री नरेंद्र #मोदी के मन की बात के ताजा प्रसारण में आए टिम्बर के संबंध में है। प्रधानमंत्री ने देश के किसानों को सलाह दी है कि वे टिम्बर की खेती करें। टिम्बर के लिए सफेदे के पेड़ लगाने पड़ते हैं और ऐसे पेड़ जमीन के पानी को खींच लेते हैं और वो जमीन बंजर हो जाती है। टिम्बर अंग्रेजी का शब्द है, जिसका मतलब लकड़ी होता है। किसान कितनी सलाह मानेंगे या आप इसका क्या संदर्भ लेंगे...लेकिन जो लोग गांव-खेत से जुड़े हैं वो जानते हैं कि टिम्बर की खेती से कभी #भारत की #गरीबी नहीं दूर होने वाली।



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