इतिहासकार रामचंद्र गुहा को इस विवाद से क्या मिला...


इस प्रसिद्ध इतिहासकार का मेरे दिल में बहुत सम्मान है। उनके विचारों का मैं आदर करता हूं। लेकिन बीफ खाने वाला उनका ट्वीट और फोटो निहायत गैरजरूरी था। क्योंकि आप क्या खाते हैं, इससे शेष भारत को क्या लेना देना...और एक बड़े वर्ग की भावनाएं इस पर आहत होती हैं तो उन्हें ऐसा करने से परहेज करना चाहिए था। 

लेकिन संकीर्ण मानसिकता वाले लोगों ने उन्हें जिस तरह जान से मारने की धमकी दे डाली, वह भी निंदनीय है।
हद यह है कि रॉ (रिसर्च एनॉलिसिस विंग) के एक रिटायर्ड अधिकारी तक ने उन्हें धमकी दी। बुलंदशहर हिंसा में एक फौजी का नाम आने के बाद और अब गुहा को धमकी देने में रॉ के पूर्व अधिकारी का नाम आने के बाद इन सेवाओं में काम करने वालों को लेकर चिंता पैदा होना स्वाभाविक है। अगर इन सेवाओं में कार्यरत लोग धर्म, जाति के आधार पर इस तरह की घटनाओं में हिस्सा लेंगे तो भारतीय समाज के लिए चिंताजनक स्थिति है। 

इतिहासकार गुहा ने शनिवार को अपने गोवा प्रवास का एक फोटो ट्विटर पर शेयर किया जिसमें वह बीफ (गाय का मांस) खाते नजर आ रहे हैं। साथ ही उन्होंने लिखा कि भाजपा शासित राज्य में बीफ खाना जश्न मनाने जैसा है। गुहा दरअसल यह बताना चाहते हैं कि भाजपा की दुरंगी चाल देखो...एक तरफ वह उत्तर भारत के राज्यों में गोकशी का खुलकर न सिर्फ विरोध करती है बल्कि आरएसएस के जरिए अपने अनुषांगिक संगठनों को आगे करके प्रदर्शन भी कराती है। आरोप है कि इस दौरान हिंसा भी होती है जो अन्तत: हिंदू-मुस्लिम दंगे में बदल जाती है। 

 ...जाहिर है इसका विरोध होना ही था। सोशल मीडिया पर भाजपा आईटी सेल के लोग हाथ धोकर उनके पीछे पड़ गए। रॉ के एक पूर्व अधिकारी ने गुहा को धमकियां दीं। गुहा साहब ने रविवार को अपना वो फोटो और ट्वीट डिलीट कर दिया। मेरे पास उसका स्क्रीन शॉट है लेकिन मैं उसे दोबारा पोस्ट करना जरूरी नहीं समझता हूं। लेकिन गुहा साहब से यह सवाल जरूर है कि अगर आपने डर कर ऐसा किया तो शेष भारत और खासकर मानसिकता विशेष के लोगों को शर्म महसूस करना चाहिए।...लेकिन जब आपको मालूम था कि इस पर हंगामा हो सकता है और ऐसी स्थितियां आ सकती थीं तो ट्वीट और फोटो के बजाय बीफ खाकर और गोवा के फाइव स्टार होटल में हग कर चले आते। उसके प्रचार की जरूरत क्या थी।

...मेरा वोट भाजपा को जाएगा...
मेरी मांग है कि देशभर में बीफ खाने पर पाबंदी लगनी चाहिए। ...मेरी इस मांग को सिर्फ और सिर्फ भाजपा पूरा कर सकती है। अगर वह अगले चुनाव में अपने घोषणापत्र में इसकी घोषणा करती है कि दोबारा सत्ता में आने पर वह पूरे देश में बीफ खाने और गोकशी बंद करने का कानून पास करेगी, तो मेरा और मेरे परिवार का वोट भाजपा को जाएगा।  

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