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आसमान पर शैतानी पतंगें

आओ पतंग उड़ाना सीखें कानून के हाथ से पतंग की डोर लंबी होती है वह डोर बांध लेती है अपने मोहपाश में सभी को नेता को, अभिनेता को, दलाल को, इंसाफकारों को उसके पेच में फंस जाते हैं सब फुटपाथ पर सोने वाले भी दम तोड़ देते हैं इसमें अक्सर फंसकर उन्हें पता नहीं होता, उड़ाने वाला तो कहीं और बैठा होता है छिपकर फंसता है जब पतंगबाज तो कानून, नेता बचाने निकल पड़ते हैं मिलकर    पतंगों की जाल में उलझा है यह देश तरह-तरह की शक्ल वाली पतंगें हैं आसमान पर मुद्दों से भटके देश में शैतानी पतंगें हैं आसमान पर असहनशीलता, नाइंसाफी, दंगाइयों की पतंगें हैं आसमान पर आखिर किस रहबर पर ऐतबार है हम सब को क्यों इंसाफ का इंतजार 'यूसुफ किरमानी' है तुमको    

मेरे समय की कविता

By Himanshu Kumar... तो , मोदी की जय हो...   लो बन जाता हूं मैं भी एक अच्छा नागरिक, तो , मोदी की जय हो , अंकित गर्ग की जय हो , चिदम्बरम की जय हो ,   मैं कहूँगा , मुसलमान गद्दार हैं , आदिवासी नक्सली हैं , दलित कामचोर और गंदे होते हैं , अमीर अपनी मेहनत से अमीर बने हैं , गरीब अपने आलस के कारण गरीब हैं ,   तो बोलो , गुजरात के विकास की जय हो, सलवा जुडूम की जय हो , पाकिस्तान को मिटा दो , कश्मीरियों को उडा दो, गुजरात जैसा सबक सारे देश के मुसलमानों को पढ़ा दो , सेक्युलरिस्ट बुद्धीजीवियों को जेलों में सड़ा दो ,   बाबा रामदेव ,आसाराम बापू की जय हो , त्रिशूल की जय हो , गोडसे की जय हो ,   ब्राम्हणों के शुद्ध् वंश की जय हो, टाटा की जय हो , अम्बानी की जय हो फौज की जय हो, पुलिस की जय हो , सरकार की जय हो ,   औरतो को सिर चढाने वाले , मुसलमानों के सामने हाथ जोड़ने वाले , नक्सलियों के एजेंट , साले बुद्धिजीवियों को सबक सिखा दो,   भाजपा को वोट दो, संघ से संस्कार सीखो , सच्चे भारतीय बनो , गो मूत्र पियो , मुंह पर गाय का गोबर मलो   राम मंदिर के निर्मा

हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो...

हे सलमान खान... तुम गणेश चतुर्थी पर खूब नाचो....ताकि इस देश के मुसलमान एक मूर्ख मंत्री की नजरों में राष्ट्रवादी हो सकें...नाचो... हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो कि मूर्ख नेता कलाम के अलावा और भी राष्ट्रभक्त मुसलमान तलाश सकें...नाचो... हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो कि मूर्ख नेता बाकी मुसलमानों को पाकिस्तान न भेज सकें...नाचो... हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो कि मूर्ख नेता मुसलमानों के बुनियादी सवालों से बाकी देश का ध्यान बंटा सकें...नाचो... हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो कि मूर्ख नेता आम भारतीय के रोटी-रोजी के मुद्दे को अंध राष्ट्रवाद से जोड़ सकें...नाचो हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो कि मूर्ख नेता अच्छे दिन के वादों को इस शोर में दबा सकें...नाचो... हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो कि मूर्ख नेता भारतीय मुसलमानों को आक्रमणकारी न मानें...नाचो... हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो कि मूर्ख नेता महंगे अस्पताल खोलकर, खुद मंत्री बनकर जनता को लूट सकें...नाचो हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो कि मूर्ख नेता हर मुसलमान को पाकिस्तानी न बता सकें...नाचो... हे सलमान खान...तुम इसलिए नाचो कि मूर्ख

जिन्ना की आस छोड़ो...वो नहीं आएगा...

वाकई भारतीय मुसलमान बेपेंदी के लोटे हैं, जब पाकिस्तान बन रहा था, तब वहां गए नहीं...घर वापसी भी नहीं की...अब भुगतो...वोट देने के लायक भी नहीं रहोगे...नसबंदी भी करवानी पड़ेगी...यार सिग्नल पकड़ो...कानून तुम्हारे साथ नहीं...अदालतें भी तुम्हें नापसंद करती हैं...हाशिमपुरा- नरोदापाटिया से तुम्हें भगाया जाता है, तुम फिर लौटकर वहीं आ जाते हो...कभी पिल्ले बन जाते हो तो कभी टोपी पहनाने पहुच जाते हो...इस्लामिक आतंकवाद का कलंक तुम्हारे माथे पर है...शाकाहारी बनने में क्या बुराई है...मांस तो अब उनके खाने की चीज है जिनके लिए इसका खाना कभी एडवेंचर था, झूठ है तो बरेली वाले त्रिपाठी जी से पूछ लो...जालंधर वाले शर्मा जी से पूछ लो...आखिर क्या चाहते हो...जाओ, यार भाग जाओ पाकिस्तान...यहां रहकर क्या करोगे...या फिर नाम बदल लो...तुम इस्तेमाल किए जाने के लिए बने हो, यूज एंड थ्रो...सेकुलर शब्द गाली है, उसे अपने सीने से चिपकाए बैठे हो... देखो हिटलर के वक्त का जर्मनी याद करो...सब नाजी अंध राष्ट्रभक्त हो गए थे...गैस चैंबर तैयार थे...कत्लेआम की साजिश चारों तरफ से थी...अब राष्ट्रभक्तों का जमाना है...तुम्हारा क

मैडम किरन बेदी, बुखारी के फतवे के पीछे कौन था

किरन बेदी को बीजेपी वाले समझा क्यों नहीं रहे...वह अपनी हार से उबरने का नाम नहीं ले रही हैं। अपनी हार के लिए बीजेपी और इसके नेताओं को जिम्मेदार ठहराने के बाद उन्होंने अपनी हार में एक और फैक्टर मुस्लिम वोटों का न मिलना भी जोड़ दिया है और कहा है कि जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के फतवे की वजह से अंतिम समय में दिल्ली के कृष्णानगर इलाके में रहने वाले मुसलमानों का वोट उन्हें नहीं मिला, जिस वजह से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। चुनाव से पहले किरन का शुमार देश के तेज-तर्रार पुलिस अधिकारियों में था। जैसे ही बीजेपी ने उन्हें अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने वाला न्यौता दिया, उनकी छवि पर सबसे पहला हमला यहीं से हुआ। आईपीएस विकास नारायण राय ने जनसत्ता में एक लेख लिखा जिसमें बहुत बारीकी से किरन का विश्लेषण किया गया। राय को मैं काफी दिनों से जानता हूं और वह भारतीय पुलिस सेवा में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने लिखा था कि किरन बेदी भारतीय लोगों के बीच में एक जीवित मिसाल बन गई थी लेकिन बीजेपी ने उन्हें अपने लिए इस्तेमाल कर उनकी छवि पर बट्टा लगा दिया है। किरन के बाद भारतीय

अरे, वो बदनसीब इंसान...

...गोया कि आप नसीब से प्रधान सेवक बने हैं यानी आपके भाग्य में लिखा था कि आप एक दिन प्रधान सेवक बनेंगे जरूर ।...तो उस कर्म का क्या होगा जो जिसके लिए किसी भाग्य की जरूरत नहीं पड़ती। जिसका ज्ञान अब स्कूलों में पढ़ाने की बात आपके एक राज्य का प्रधान चौकीदार कर रहा है। कह रहा है गीता दर्शन पढ़वाउंगा स्कूलों में। वो गीता दर्शन जिसमें भाग्य नहीं कर्म की बात कही गई है। ...सचमुच बहुत कमजर्फ और नामूकल इंसान है वो अदना सा मामूली आदमी जो बदनसीबी के साथ आया है। बदनसीबी उसके साथ-साथ चल रही है और प्रधानसेवक और उसकी सेना ऐसे बदनसीबों से घबराई हुई है। न उगलते बन रहा है और निगलते बन रहा है। सचमुच ये बदनसीब लोग बहुत हठधर्मी होते हैं...नतीजा बेशक सिफर रहे लेकिन नानी याद दिला देते हैं। ...देखो-देखो उस शख्स ने फेसबुक पर क्या चुटकी ली है, लिखता है 10 साल बाद एक बदनसीब देश का प्रधान सेवक। कुछ इस तरह कहेगा कि ...मैं इस बदनसीब देश का प्रधान सेवक गैर सेकुलर संविधान की शपथ लेकर कहता हूं कि वाकई इस देश के लोग बदनसीब थे जिनका मैं प्रधान सेवक रहा। ये लोग इस काबिल थे ही नहीं कि एक नसीब वाले को बतौर प्रधान स

महान अडानी जी...वगैरह

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देश विकास के रास्ते पर बढ़ चला है। अच्छे दिन लाने के लिए एक से बढ़कर एक फैसले किए जा रहे हैं। तमाम फैसलों को मिलाकर हम एक ऐसे भारत का निर्माण करने जा रहे हैं, जहां जनता को मनरेगा, कोयला, स्पेक्ट्रम जैसे घोटालों से निजात दिलाने की कोशिशें शुरु हो गई हैं। केंद्र का सबसे ताजा फैसला इस विकास को और रफ्तार देने जा रहा है... क्या आप अडाणी या अडानी (Adani) को जानते हैं...शायद कुछ सिरफिरे हों, जो न जानते हों। संक्षेप में ये है कि ये गुजरात के बहुत बड़े बिजनेसमैन हैं और देश की तरक्की के लिए खुद को समर्पित कर चुके हैं। केंद्र का ताजा फैसला इन्हीं के बारे में है... *महाराष्ट्र के विदर्भ के गोंडिया जिले में अडानी ग्रुप के पावर प्लांट (Power Plant) के लिए केंद्र सरकार ने 148.59 हेक्टेयर वन भूमि ( Forest Land ) मंजूर कर दी है। यहां पर 1980 मेगावॉट का पावर प्लांट अडानी ग्रुप लगाएगा। 2008 से प्रोजेक्ट लटका हुआ था लेकिन केंद्र में नई सरकार आने के बाद 28 अगस्त 2014 को प्रोजेक्ट को पहले मंजूरी दी गई, फिर 20 अक्टूबर 2014 को केंद्रीय पर्यावरण (Enviornment) और वन मंत्रालय ने भी इसे मंजूर कर लिया।

छह मुल्ले मोदी के साथ क्यों....

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                                                 ये मैं नहीं फेसबुक पर लोग कह रहे हैं Note : This article also available on NBT ONLINE. Most of the readers are commenting there. You can visit there and read comments. Link - http://blogs.navbharattimes.indiatimes.com/yusufkirmani/entry/bjp-trying-to-woo-muslims नोटः .ये लेख नवभारत टाइम्स की अॉनलाइन साइट पर भी उपलब्ध है। वहां पाठकों की भारी प्रतिक्रिया आ रही है। उन प्रतिक्रियाओं को पढ़ने और सारे मुद्दे को समझने के लिए आप भी वहां जाकर टिप्पणियों को पढ़ सकते हैं। इस लिंक पर जाएं - http://blogs.navbharattimes.indiatimes.com/yusufkirmani/entry/bjp-trying-to-woo-muslims चुनाव का मौसम है...फेसबुक का साथ है...वल्लाह क्या बात है। कायदे से इस तरह से मेरे लेख की शुरुआत नहीं होनी चाहिए थी लेकिन अब हो गई तो आइए बात करते हैं। हुआ यह कि अभी नरेंद्र मोदी का एक फोटो कुछ मौलाना लोगों के साथ अखबारों और फेसबुक पर प्रकट हुआ। ....आफत हो गई। मौलाना लोगों को यह गलतफहमी है कि वे अगर हां कहेंगे तो इस देश के मुसलमान हां कहेंगे औऱ नहीं कहेंगे तो नहीं