विश्वास का गड़बड़झाला...Never Trust



नेवर ट्रस्ट यानी किसी पर विश्वास मत करो - यह मैं आपसे या किसी से भी नहीं कह रहा हूं। यह Twitter पर सबसे Hot Topic है। जिसे उसने Trending Topic की सूची में सबसे पहले नंबर पर रखा है यानी Tweet करने वाले इस समय सबसे ज्यादा इस शब्द Never Trust का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आप Twitter पर जाकर Never Trust पर क्लिक करें तो आपको हैरानी होगी कि लोग किस-किस रूप में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।



इस टॉपिक को देखने के बाद मैं भारत के संदर्भ में सोचने लगा कि हमारे यहां भी तो यह शब्द इस समय हॉट हो गया है। कभी इसका उलट था जब हमें पढ़ाया और सिखाया जाता था कि लोगों पर विश्वास करना तो सीखो। जब तक किसी पर विश्वास करना नहीं सीखोगे तब तक आगे नहीं बढ़ सकते। पिता जी बताया करते थे कि हम लोगों की खेतीबारी और कारोबार सब विश्वास पर टिके हुए हैं। यह विश्वास ही था कि हम तीन भाइयों को अलग-अलग समय पर किसी दूसरे धर्म (हिंदू) वाले पर विश्वास करके पढ़ने के लिए दिल्ली भेज दिया गया। उस विश्वास को आजतक ठेस नहीं पहुंची। हमारे और उन परिवारों के बीच वह ट्रस्ट (विश्वास) आज भी कायम है।


पर, जब से बाजारवाद हावी हुआ है और प्रगति और सफलता की नई परिभाषाएं गढ़ी जा रही हैं तो उसमें यह शब्द Never Trust सबसे हॉट है। आप अपने फैमिली से लेकर काम करने की जगह और दोस्तों के आसपास इस शब्द का संदर्भ तलाशें तो आसानी से कर लेंगे। नई जीवन पद्धति सिखाने वाले गुरुजन जब लोगों को आत्मकेंद्रित (Self Centered ) होने का ज्ञान बांट रहे हैं तो वह यह कहना नहीं भूलते कि आप किसी पर कैसे विश्वास कर सकते हैं। टीवी सीरियलों के लिए महान लेखक जो कहानियां लिख रहे हैं उनका तो खैर सार ही यही होता है कि अविश्वास हर एक पर, चाहे वह सगा रिश्ता हो या फिर नया बनाया जा रहा है।


राखी के स्वयंवर से लेकर सच का सामना तक में Never Trust का गुणगान है। इस मुद्दे को और आगे बढ़ाएं तो एक दोस्त दूसरे दोस्त से कहता हुआ मिल जाएगा कि - तूने उस पर विश्वास कैसे कर लिया। अपने प्रोफेशन की बात करें तो रिपोर्टरों को बॉस कहते हुए मिल जाएंगे - अरे अपने सूत्र पर इतना विश्वास ठीक नहीं है। Never Trust your sources. और गहराई में जाएं तो बाप का बेटे पर, बेटे का बाप पर, पति का पत्नी पर, प्रेमी-प्रेमिका, प्रेमिका-प्रेमी, डॉक्टर-मरीज, स्टूडेंट्स-टीचर...अनगिनत...कहां तक गिनाएं।


अभी रक्षाबंधन पर एक शहर में दिल दहलाने वाली घटना हुई। भाई अपने बहन के घर राखी बांधने पहुंचा और उसने राखी बांधने की बजाय उस पर मिट्टी का तेल उलट दिया और आग लगा दी। बहन मर गई। बहन प्रौढ़ावस्था में थी। भाई ने पुलिस को बयान दिया कि उसका अपनी बहन पर विश्वास खत्म हो गया था और उसे लगता था कि उसकी पत्नी और बच्चे उसकी बहन की वजह से उससे अलग रह रहे हैं। इतने पवित्र रिश्ते में नेवर ट्रस्ट ने दरार डाल दी। आपके पास भी Never Trust के इससे ज्यादा उदाहरण हो सकते हैं।
विश्वास के संकट पर इससे ज्यादा क्या लिखा जाए, क्योंकि बहुत लंबा-चौड़ा लेख लिखने पर मुझे विश्वास नहीं है कि कोई इसे पूरा पढ़ेगा।


चलते-चलते
मैंने Google पर जाकर जब इस शब्द Never Trust को लिखा तो इसके 10 अंग्रेजी वाक्य निकलकर आए। अब उनमें से किसी एक वाक्य को फिर से Google पर लिखें और मतलब तलाशें तो एक-एक वाक्य के कई लाख पेज वहां लिखे मिल जाएंगे। यानी एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने Never Trust पर माथापच्ची की या किसी न किसी रूप में इसका इस्तेमाल किया है। फिर Twitter के Trending Topics में इसका जिक्र क्यों न कर होता।


और हां मैने आपके लिए इस शब्द को लेकर Google पर ही कुछ image भी तलाशी है। उन्हें जरूर गौर फरमाइएगा - Never Trust girls, Never Trust anyone, Never Trust a lady, Never Trust boys, Never Trust a skimy chef, Never Trust a stranger, Never Trust women, Never Trust anything that can think for itself, Never Trust girls quotes, Never Trust woman



टिप्पणियाँ

Dr. Amar Jyoti ने कहा…
कबीर आप ठगाइये,और न ठगिये कोय
आप ठगे सुख ऊपजे, और ठगे दुख होय
k.r. billore ने कहा…
DEAR KARIM BHAI,yee aadmi ka bachhaa apanaa viswaas kisi ko nahi deta hai, pahale vo dekhta hai kis pe vishwas karu,ke naa karu,do not trust uski fidrat hai,vaise aapka lekh bahut hi umdda hai ,padhkar mazaa aaya,,,badhai,,,,kamna mumbai
k.r. billore ने कहा…
DEAR KARIM BHAI,yee aadmi ka bachhaa apanaa viswaas kisi ko nahi deta hai, pahale vo dekhta hai kis pe vishwas karu,ke naa karu,do not trust uski fidrat hai,vaise aapka lekh bahut hi umdda hai ,padhkar mazaa aaya,,,badhai,,,,kamna mumbai
हिन्दीवाणी ने कहा…
बिल्लौरे जी शुक्रिया। मुझे किरमानी ही रहने दें करीम भाई न बनाएं। अब तो भाई सुनकर लगता है कि जैसे डी कंपनी से कोई नाता हो। बहरहाल आपको पुनः धन्यवाद।
डॉ. अमर जी आप गजल से दोहे पर कैसे आ गए। मैं तो प्रतिक्रिया में आपकी गजल का तलबगार था।
युसूफ जी,

नेवर ट्रस्ट (Never TrusT) को उम्मीदों के सहारे ऐसा भी तो पढ़ा जा सकता है :- N( Normally used for "and") Ever Trust.

बहरहाल बहुत अच्छा, तथ्यपरक, जानकारी से भरा हुआ आलेख।

डॉ. अमर जी ने कबीरजी के दोहे के उल्लेख से लेख की भावना को संपूर्णता प्रदान की है।

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी
ज्योति सिंह ने कहा…
dr.amar ne to bahut hi sundar dohe dwara baate spasht kar di .yakin me swarth mil jaaye to vishwas ladkhadata hai .ati uttam .
शोभना चौरे ने कहा…
bhut steek bat .jab apne khud par hi vishvas n ho to oro se kya umeed ?
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क्या अविश्वास का कोई अर्थ है....??क्या धरती पर अविश्वास से जीवन निरंतर कायम रह सकता है....क्या इक पल भी अविश्वास के संग आदमी जी सकता है.....अगर आप सोचते हैं हाँ....तो मुझसे बात करें.....!!
हरकीरत ' हीर' ने कहा…
आपने तो रोंगटे खडे कर देने वाले किस्से सुना दिए इस " नेवर ट्रस्ट " पर ...सच है ऐसा कुछ नहीं जो यहाँ नहीं होता ....क्या कहूँ ...??

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