पर्यावरण की चिंता के साथ दीपावली मुबारक

बहरहाल, यह तो हुई उनकी कहानी लेकिन इस दिवाली पर मैं महसूस कर रहा हूं कि लोग काफी जागरुक हो गए हैं या कहिए महंगाई और मंदी (Recession) का भी असर है कि तीन दिन पहले पटाखे फोड़ने के नाम पर होने वाला शोरशराबा इस बार नहीं के बराबर है। लेकिन हम लोगों का यह त्योहार रोशनी, संपन्नता का है तो बिना पटाखे फोड़े बिना मनाने की सलाह मैं नहीं देने वाला। यह तमाम पूंजीवादी देशों (Capitalist Countries) का रोना-पीटना है जो पर्यावरण रक्षा के नाम पर गरीब देशों को यह न करो-वह न करो कि जबरन सलाह देते रहते हैं। अब यह लगभग साबित हो चुका है कि दुनिया के तमाम देश और खासकर विकसित (पूंजीवादी भी कह सकते हैं) देश जानलेवा गैसों के उत्सर्जन (यानी पैदा करने में) में सबसे आगे हैं लेकिन वे अपने लिए न तो कोई नियम बना रहे हैं और न ही किसी बात का पालन कर रहे हैं। इन सब की अगुआई अमेरिका (US) कर रहा है।
इसलिए दीपावली की हार्दिक बधाई देते हुए तमाम सरोकारों को मद्देनजर रखते हुए ही हम लोगों को यह त्यौहार मनाना है।
एक खास सूचना यह भी है कि आपके इस ब्लॉग हिंदी वाणी को एक साल पूरा हो गया है और जो लोग हमारे कारवां में देश-विदेश से जुड़े हैं, मैं उनका तहेदिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। आशा है कि स्नेह बना रहेगा। हालांकि एक साल पूरा होने पर मैं तमाम लफ्फाजी भरी बातें यहां लिख सकता था लेकिन यह कोई इतनी बड़ी घटना नहीं है कि इसके लिए आपका समय नष्ट किया जाए। सो दीपावली की पावन बेला और इस ब्लॉग के एक साल पूरा करने पर हार्दिक मुबारकबाद पेश करता हूं। आइए एक दीया जलाएं...हम सभी में फैले अंधकार को दूर भगाने के लिए....
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