मैं हूं राजकुमार ठाकरे



मैं हूं राजकुमार ठाकरे। अगर आप मराठी भाषी नहीं हैं तो इसे पढ़ने की हिमाकत न करें। मुझे मेरे डॉन ने एक टारगेट दिया है जिसे मैं किसी भी हालत में पूरा करना चाहता हूं। दरअसल मेरे डॉन ने खूब कोशिश कर ली कि भारत में हिंदू-मुस्लिम दंगें (Hindu-Muslim Riots) हों, लोग बड़े पैमाने पर अराजकता पर उतर आएं। उसने यहां वहां अपने भाड़े के लोगों को भेजकर बम ब्लास्ट कराए लेकिन छुटपुट घटनाओं को छोड़कर कोई बड़ा बखेड़ा नहीं खड़ा हो सका। अब मुझे नया मिशन सौंपा गया है कि भाषा के नाम पर इतना बड़ा बवाल कर दो कि हर राज्य में भाषा का झगड़ा खड़ा हो जाए और लोग एक दूसरे को मरने-मारने पर उतारू हो जाएं।

इसकी शुरुआत मैंने मुंबई से की है। क्योंकि मुंबई से बेहतर जगह और कोई नहीं हो सकती। यह मिनी इंडिया है, हर राज्य, धर्म और भाषा बोलने वाले यहां रहते हैं। यहां सफल होना आसान है। चूंकि यहां सबसे ज्यादा यूपी के भैया और बिहार के बिहारी रहते हैं तो उनको डराना सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर वे डर गए तो बाकी सारे तो मुट्ठी भर हैं, खुद ही भाग जाएंगे। मुझे इस मिशन के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं है। मेरे बुजुर्ग इतना ज्ञान इस बारे में दे गए हैं कि सब कुछ रेडिमेड है। मैं मराठी को हिंदी के खिलाफ खड़ा करूंगा तो यूपी, बिहार और बाकी जगहों पर हिंदी बोलने वाले अपनेआप सड़कों पर आकर बवाल करेंगे। काम आसान हो जाएगा।

इस मिशन को अपने बहुत सीक्रेट तरीके से चला रहा हूं। मुझे महाराष्ट्र में सबसे बड़ा देशभक्त समझा जा रहा है। मेरा डॉन कितना खुश होगा, मेरी तो इच्छा है कि मुझे उसकी कुर्सी पर कब्जा करना है। भारत ऐसा देश है, जहां यह काम किसी बम ब्लास्ट और अन्य मजहब के लोगों को मारने से ज्यादा अच्छा है। इस काम में तो सिर्फ जबान हिलानी होती है। बम ब्लास्ट कराने में तो पैसा खर्च होता है लोगों को काम पर लगाना पड़ता है।

मुझे भाषा के नाम पर अराजकता बहुत पसंद है। अब हालात ये हैं कि मेरे एक इशारे पर मुंबई बंद हो जाती है। हालांकि मुझे हिंदी में बनी फिल्में देखना, अमिताभ बच्चन से दोस्ती करना, महंगी विदेशी कारों में घूमना और अंग्रेजी बोलना पसंद है। अगर मैं अंग्रेजी नहीं बोलूंगा तो मेरी मार्केटिंग वैल्यू (Marketing Value)कैसे बढ़ेगी। मैं टीवी पर खबरों में कैसे आऊंगा। हालांकि बॉलिवुड मुंबई में है लेकिन मैं हिंदी फिल्में बनना नहीं बंद कराउंगा क्योंकि इसमें एक रहस्य है। चलो आपको बता देता हूं। वो क्या है कि बॉलिवुड में कई लाख मराठी लोग काम कर रहे हैं और अगर उनके धंधे पर चोट पड़ी तो यह मामला बैकफायर कर जाएगा। इसलिए हिंदी फिल्मों का बनना मैं नहीं बंद कराने वाला। लेकिन फिल्म लांचिंग का फंक्शन अगर मुंबई में होगा तो मैं उसे पूरी तौर पर मराठी में ही करने को कहूंगा लेकिन अगर वे लोग सबकुछ अंग्रेजी में करते हैं तो वह चलेगा। आखिर इतने साल गोरों के हम गुलाम रहे हैं, वह ऐहसान कैसे चुका सकेंगे। इसलिए अंग्रेजी को तो महत्व देना ही पड़ेगा। आस्ट्रेलिया में जो भारत के लोग पिट रहे हैं, वे हैं ही उसी लायक। जब मैं समाचारपत्रों में पढ़ता हूं कि आज एक और भारतीय आस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में पिटा तो मेरा खून बढ़ ज्यादा है। इसी तरह के अटैक मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में यूपी-बिहार वालों पर होने चाहिए।

पर बात हिंदी की हो रही है। इस भाषा और इसके बोलने वालों को मैं महाराष्ट्र से भगाकर रहूंगा। यह लोग जब अपने घरों को लौटेंगे तब असली खेल शुरू होगा। यह लोग भारत माता का सुख-चैन छीन लेंगे। जो काम वह गुजरात वाला तीसमार खां और उसका परिवार नहीं कर पाया, अब आसानी से हो जाएगा।

ये जो तस्वीर देख रहे हैं आप...बच्चे के हाथ में तिरंगा...मुझे ऐसी तस्वीरें पसंद नहीं हैं। इसकी जगह मैं लाशों के ढेर, जलते हुए घर, दया की भीख मांगते हुए यूपी-बिहार के भैये, हर आंखों में खौफ देखना चाहता हूं। कृपया मेरा समर्थन कीजिए क्योंकि मैं राजकुमार ठाकरे हूं...

ब्लॉग संचालक की ओर से दो शब्द...

मित्रों, यह किन्हीं राजकुमार ठाकरे के अपने विचार हैं जो गलती से इस ब्लॉग पर जगह पा गए हैं। इसका संबंध इस ब्लॉग के संचालक यूसुफ किरमानी से नहीं है। ब्लॉग संचालक का इरादा किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। यह काम सिर्फ इसी राजकुमार ठाकरे के जिम्मे है।

टिप्पणियाँ

Dinesh Saroj ने कहा…
"राजकुमारजी" आप अवस्य ही राज कर सकेंगे, क्योंकि आप यहाँ की जनमानस के दुखते रग को "उकसाते" हैं और सफल भी हो जाते हैं....
क्या आप भी बम्बई जाते हो जो खुद लिख कर पल्ला झाड रहे हो
Dhiresh ने कहा…
यार किरमानी जी, क्यूँ कुफ्र कर रहे हो `हिन्दू हृदय सम्राट` के खानदान के बारे में ऐसी बातें करने की. एक बात समझ नहीं आती कि लोग आजकल राज को कोस रहे हैं पर उसके इस धंधे के जनक बाल ठाकरे को और उसकी बगलगीर भाजपा को भूल रहे हैं. संघ और भाजपा तो हिंदी के नाम पर सांप्रदायिक कार्ड खेलते रहे हैं और महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ हैं

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