रवीश कुमार, राजदीप सरदेसाई पर हमला करने वाली अमेरिकी वेबसाइट बेनकाब
मोदी सरकार की नीतियों का
विरोध करने वाले पत्रकारों को निशाना बनाने की कोशिश
-यूसुफ किरमानी
10 जून को भारत के कुछ पत्रकारों पर एक अमेरिकी
वेबसाइट (पीगुरुज डॉट कॉम) ने एक रिपोर्ट छापकर बड़ा हमला किया। ये पत्रकार गोदी
मीडिया से नहीं थे। ये पत्रकार हैं – रवीश कुमार, अभिसार शर्मा, नेहा दीक्षित,
राजदीप सरदेसाई, सिद्धार्थ वरदराजन, अरफा खानम शेरवानी के अलावा कुछ नेताओं जिनमें
कविता कृष्णन, उमर खालिद और कन्हैया कुमार आदि पर आरोप लगाया गया कि इनके लिंक एक
कथित जेहादी खालिद सैफी के साथ पाए गए हैं। लेकिन इस अमेरिकी साइट के बारे में
मैंने भी खोजबीन कर कुछ तथ्य जुटाए हैं जो आगे आपको इसी लेख में पढ़ने को मिलेंगे।
उस अमेरिकी वेबसाइट में
खालिद सैफी के साथ इन सभी पत्रकारों के फोटो दिए गए। सिर्फ यह साबित करने के लिए
अगर खालिद सैफी के साथ रवीश कुमार या अभिसार शर्मा के फोटो हैं तो जरूर उनके संबंध
आरोपी से हैं।
...और कपिल मिश्रा के साथ
भी फोटो
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जैसे ही यह रिपोर्ट सामने
आई, भारत में आरएसएस-भाजपा के तमाम बड़े नेता उसे ट्वीट करने लगे। लेकिन चंद घंटे
में इस अमेरिकी वेबसाइट के रिपोर्ट की विश्वसनीयता तार-तार हो गई जब खालिद सैफी के
साथ भाजपा नेता कपिल मिश्रा की एक दर्जन से ज्यादा फोटो ट्विटर पर नजर आई। इसमें
कुछ फोटो में तो कपिल मिश्रा मुस्लिम टोपी लगाए हुए नजर आ रहे हैं और खालिद सैफी
से गले मिल रहे हैं। कपिल मिश्रा की खालिद सैफी के साथ इतनी फोटो सोशल मीडिया पर
नजर आई कि भाजपा-आरएसएस के नेता जो अमेरिकी वेबसाइट की वेबसाइट को तेजी से ट्वीट
कर रहे थे, वे बिलों में दुबक गए। चीखमार चैनल के संपादक अर्नब गोस्वामी जो 10 जून
की रात में टीवी चैनल पर इस पर डिबेट करने की तैयारी कर रहे थे, सदमे में चले गए।
तो आइए पहले यह जानते हैं
कि खालिद सैफी कौन है और उस अमेरिकी वेबसाइट के पीछे कौन है...
कौन है खालिद सैफी
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खालिद सैफी दिल्ली में
सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं और लंबे समय से टूर ऐंड ट्रेवल का बिजनेस करते हैं।
दिल्ली में जब सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन जामिया और शाहीनबाग में शुरू हुआ तो वह
अपने संगठन यूनाइटेड अंगेस्ट होप के जरिए इसमें शामिल हुए। दिल्ली के खुरेजी इलाके
में शुरू हुए ऐसे ही धरना-प्रदर्शन में उन्हें अक्सर देखा जाता था। जहां वह मंच की
व्यवस्था करने से लेकर दरी बिछाने और सत्याग्रहियों को खाना खिलाने में आगे रहते
थे। दिल्ली पुलिस ने खुरेजी धरना स्थल को हटाने के लिए 26 फरवरी 2020 को वहां धावा
बोला। तमाम महिला कार्यकर्ताओं के साथ खालिद सैफी को गिरफ्तार कर लिया गया। इस
गिरफ्तारी के बाद उन्हें अदालत में पेशी पर एक व्हील चेयर पर लाया गया। उस समय
अदालत परिसर में खींचे गए फोटो से पता चलता है कि वह अपने दोनों पैर से चलने में
असमर्थ हो गए थे और लगता है कि पुलिस ने उनके साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया
है।
खालिद सैफी अभी भी जेल
में है। पुलिस ने उनके खिलाफ जो चार्जशीट पेश की है, उसमें उन्हें दिल्ली दंगों का
भी मास्टरमाइंड बता दिया गया है। ध्यान रहे कि यह दिल्ली पुलिस का कथित आरोप है,
अदालत ने खालिद सैफी को सजा नहीं सुनाई है। लेकिन उस अमेरिकी वेबसाइट ने खालिद
सैफी को इसी पुलिस आरोप के आधार पर जेहादी बता डाला है। इतना ही नहीं यह तक आशंका
जता दी कि जरूर उसके पास विदेश से पैसा आता होगा। हालांकि दिल्ली पुलिस की
चार्जशीट में ऐसा नहीं लिखा है लेकिन उस अमेरिकी वेबसाइट ने अनुमान लगा लिया कि
टूर ऐंड ट्रेवेल का बिजनेस है तो जरूर बाहर से पैसा आता होगा।
कौन है अय्यर और उसके
रिश्ते
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जिस अमेरिकी वेबसाइट
पीगुरुज डॉट कॉम ने खालिद सैफी की आड़ में भारतीय पत्रकारों पर जो हमला किया, उसके
बारे में मैंने जांच पड़ताल की तो जो तथ्य सामने आए, उससे पता चलता है कि भारत में
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की नीतियों-फैसलों का विरोध और आरएसएस पर तीखे हमले करने
वाले हर पत्रकार को निशाना बनाया गया।
इस अमेरिकी वेबसाइट को
श्री अय्यर नामक शख्स चलाता है। उसी वेबसाइट में लिखा गया है कि वह इसके संस्थापक
हैं।
लेकिन अमेरिकी दस्तावेजों
में इस शख्स का नाम श्री एम अय्यर दर्ज है। भारत के मूल निवासी इस शख्स ने
उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। यह शख्स अमेरिका में हिन्दू सेवक संघ (एचएसएस)
का सक्रिय सदस्य है। आरएसएस अमेरिका में इसी संगठन के नाम से काम करता है। वहां जो
शाखाएं लगती हैं वो एचएसएस के नाम से लगाई जाती हैं। अमेरिका में काम कर रहे भारत
के तमाम प्रोफेशनल्स इस संगठन की शाखाओं में जाते हैं।
मोहन भागवत के साथ मंच पर
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7 - 9 सितंबर 2018 में अमेरिका के शिकागो शहर में विश्व हिन्दू कॉन्फ्रेंस हुई
थी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे थे। इस
कार्यक्रम का आयोजन हिन्दू सेवक संघ के अलावा हिन्दू अमेरिकी काउंसिल समेत तमाम
हिन्दू संगठनों ने मिलकर किया था। इसी कार्यक्रम में श्री एम अय्यर को भी मंच पर
भाषण देने बुलाया गया था। इससे यह साफ हुआ कि अय्यर आरएसएस से जुड़ा हुआ शख्स है
और वह अमेरिका में बैठकर अपनी वेबसाइट के जरिए मोदी और संघ विरोधी लोगों को निशाना
बनाता रहता है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी से
भी संबंध
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लेकिन श्री एम अय्यर का
एक और भी कनेक्शन भाजपा सांसद और संघ की विचारधारा को मानने वाले सुब्रह्मण्यम
स्वामी से है। वह अमेरिका में बैठकर सुब्रह्मण्यम स्वामी के लिए कथित जांच-पड़ताल
और रिफरेंस सप्लाई करने का काम करते हैं।
मैंने खुद इनफिनिटी
फाउंडेशन के एक वीडियो में अय्यर को यह स्वीकार करते सुना और देखा कि उनके स्वामी
से संबंध हैं। अय्यर ने फाउंडेशन द्वारा किए गए इंटरव्यू में कहा कि जब भी
सुब्रह्मण्यम स्वामी को अमेरिका से कोई जानकारी या रिफरेंस चाहिए होता है तो वह
स्वामी को वह सूचनाएं देते हैं। स्वामी भारत में बैठकर जो बयान देते हैं या आरोप
लगाते हैं वो श्री एम अय्यर द्वारा सप्लाई किए गए तथ्य़ों पर होते हैं।
अय्यर ने एनडीटीवी के
मालिक प्रणव रॉय के खिलाफ एक किताब भी लिखी है। जिसमें वही आरोप लगाए गए हैं जो
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने समय-समय पर एनडीटीवी और प्रणव रॉय पर कथित मनी लॉन्ड्रिंग
करने से लेकर तमाम भ्रष्टाचार करने को लेकर कहे हैं। स्वामी के दबाव पर मोदी सरकार
ने प्रणव रॉय के खिलाफ जांच कराई और एक तरह से एनडीटीवी को बंद कराने की कोशिश के
घिनौने खेल में स्वामी और अय्यर दोनों ही लगे हुए हैं।
तुम्हारा धंधा क्या है
मिस्टर अय्यर
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अय्यर अमेरिका में खुद को
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताता है और वहां स्माल बिजनेस में अपना टैक्स रजिस्ट्रेशन भी
करा रखा है। लेकिन सॉफ्टवेयर इंजीनियर उनका मुख्य व्यवसाय नहीं है। रेकॉर्ड के
मुताबिक 2014 में जैसे ही मोदी सत्ता में आए तो अय्यर ने 2015 में पीगुरुज डॉट कॉम
नाम इंटरनेट पर पांच सौ रुपये में खरीदा। 2016 में उनकी यह वेबसाइट अस्तित्व में
आई। उस समय इस वेबसाइट ने सबसे पहले सोनिया गांधी पर हमला बोला। वित्तीय
अनियमितताओं के आरोप लगाए। स्वामी ने वही आरोप भारत में दोहरा दिए। स्वामी के साथ
अय्यर की जुगलबंदी जो उस समय शुरू हुई तो अब तक जारी है। इसी दौरान एनडीटीवी को
निशाना बनाया गया जो अभी भी जारी है।
अय्यर का कोई दफ्तर नहीं
है और न ही इस वेबसाइट के लिए वहां काम करने वाले कर्मचारी हैं। महत्वपूर्ण बात यह
है कि अय्यर ने पीगुरुज को वहां स्माल बिजनेस के तौर पर दर्ज करा रखा है। जहां पर
अय्यर ने खुद को सीईओ बताया हुआ है। अपनी वेबसाइट के जरिए भारत में अल्पसंख्यकों
को गाली देने वाले अय्यर ने अपने इस धंधे को अमेरिका में “मॉयनॉरिटी ओन्ड बिजनेस” दिखा रखा है।
सैन जोस, कैलिफोर्निया के
जिस चार कमरों के घर में वह रहते हैं, वही उनका दफ्तर है। इतना ही नहीं वहां एक
जयेन्द्र कला केंद्र भी चलता है, जो उनकी पत्नी चलाती हैं। सुगंधा अय्यर उस
कलाकेंद्र में महिलाओं को भरतनाट्यम सिखाती हैं। अय्यर से ज्यादा उनकी पत्नी उस
इलाके में भरतनाट्यम सिखाने के लिए मशहूर हैं। इस घर से चंद कदम की दूरी पर हिन्दू
सेवक संघ की शाखा चलती है।
बहरहाल, अय्यर के बारे
में मेरी जांच पड़ताल अभी भी जारी है।
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