Ek ziddi dhun: सड़ांध मार रहे हैं तालाब

मेरे ही साथी भाई, धीरेश सैनी ने अपने ब्लॉग पर एक गांधीवादी अनुपम मिश्र के सेक्युलरिज्म का भंडाफोड़ किया है। उस पर काफी तीखी प्रतिक्रियाएं भी उन्हें मिली हैं। क्यों न आप लोग भी उस लेख को पढ़ें। ब्लॉग का लिंक मैं यहां दे रहा हूं।

Ek ziddi dhun: सड़ांध मार रहे हैं तालाब

टिप्पणियाँ

Udan Tashtari ने कहा…
जाते हैं वहाँ..

आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
उसे पहले ही पढ़ आए हैं।
दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ।
Ek ziddi dhun ने कहा…
अब शर्मिंदा तो बहुतकम लोग हैं वो तो खुद को इज्राइल समझरहे हैं। किसीको यह कहना फैशन लगता है लेकिन सच यही है कि मुसलमानों को भारी आइसोलेशन में धकेला जा रहा है। नया निशाना वो मुस्लिम युवक हैं जो पढ़ने-लिखने, कोई प्रफेशनल कोर्स करने किसी शहर में आकर कहीं हास्टल-कमरा वगैरहा रहते हैं। उन्हें आतंकवादी बताकर गिरफ्तर कर लिया जाता है या मार दिया जाता है। रात फोन पर बातचीत में एक कवि-चिंतक इस सब को फासीवाद की प्रैक्टिस सहीही कह रहे थे। देखा जा रहा है कि क्या-क्या किया जा सकता है।

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