मुल्ला जी की दाढ़ी पर सवाल
-अलीका मध्य प्रदेश के एक मुस्लिम स्टूडेंट को उसकी दाढ़ी कटाने का आदेश देकर एक स्कूल ने फिर से इस बहस को जन्म दे दिया कि आखिर इस देश में किसी अल्पसंख्यक के मूलभूत अधिकार की व्याख्या क्या फिर से करनी चाहिएय़ क्योंकि इस मामले में जिस तरह हाई कोर्ट ने भी स्कूल का साथ दिया है, उससे इस तरह के सवाल तो खड़े ही किए जाएंगे। पहले जानिए कि पूरा मामला क्या है। मध्य प्रदेश में विदिशा जिले के निर्मला कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल स्कूल में 10 वीं कक्षा के छात्र मोहम्मद सलीम ने धार्मिक कारणों से दाढ़ी रखी और जब वह स्कूल में आया तो स्कूल की ईसाई प्रिंसिपल ने उसे नोटिस जारी करते हुए कहा कि या तो वह अपनी दाढ़ी कटाकर स्कूल में आए या फिर इस स्कूल से अपना नाम कटाकर कहीं और चला जाए। इस नोटिस का छात्र पर गहरा असर हुआ। उसने अदालत की शरण ली। हाई कोर्ट तक मामला पहुंचने के बाद हाई कोर्ट ने भी स्कूल का ही साथ दिया औऱ कहा कि अल्पसंख्यकों को अपने स्कूल के नियम खुद बनाने का अधिकार है। इसलिए इस बारे में कोर्ट उस स्कूल को कोई नोटिस जारी नहीं कर सकता। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आ गया है और 30 मार्च को इस मामले की अगली