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ब्लॉगिंग पर लगेगा पहरा, आप जाएंगे जेल

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यह लेख सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में तुरत-फुरत में लिखा गया है। यह जिस संदर्भ में वह खबर नीचे दी गई है। कृपया उस खबर को जरूर पढ़ें, तभी सही संदर्भ समझ में आएगा। - यूसुफ किरमानी ब्लॉगर्स पर लगाम कसने वाली है और हैरानी की बात है कि इसके विरोध के स्वर कहीं से नहीं सुनाई दे रहे हैं। जिन्होंने 24 फरवरी को द टाइम्स आफ इंडिया के पेज 9 पर इस आशय की खबर पढ़ी होगी, वे जरूर चिंतित होंगे। लेकिन इसकी आहट काफी पहले से सुनाई दे रही थी और किसी भी स्तर पर इसके विरोध की शुरुआत नहीं हुई थी। पहले यह जानिए की हुआ क्या है। केरल में रहने वाले 19 साल के अजिथ डी अपना ब्लॉग चलाते हैं। वह अपने ब्लॉग में शिवसेना की गुंडागर्दी के खिलाफ बराबर और असरदार ढंग से लिखते रहे हैं। यह सब शिवसेना को भला क्यों अच्छा लगता। महाराष्ट्र में शिवसेना यूथ विंग के राज्य सचिव ने अगस्त 2008 में मुंबई के ठाणे पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई कि इस ब्लॉग के जरिए शिवसेना के खिलाफ लिखकर घृणा फैलाई जा रही है और खासकर इसमें जो लोग टिप्पणी करते हैं उससे समाज में वैमनस्यता बढ़ सकती है। पुलिस ने भी बिना पड़ताल अजिथ डी के खिलाफ धारा 50