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'छबीला रंगबाज का शहर' का मंचन

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' छबीला रंगबाज का शहर ' केवल आरा या बिहार की कहानी नहीं है अपितु इसमें हमारे समय की जीती जागती तस्वीरें हैं   जिनमें हम यथार्थ को नजदीक से पहचान सकते हैं। राज्यसभा सांसद और समाजविज्ञानी मनोज झा ने हिन्दू कालेज में छबीला रंगबाज का शहर के   मंचन में कहा कि   पढ़ाई के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भी   हिन्दू कालेज की गतिविधियां प्रेरणास्पद रही हैं। झा यहाँ हिंदी नाट्य संस्था   अभिरंग के सहयोग से ' आहंग ' द्वारा मंचित नाटक में बोल रहे थे।   युवा लेखक प्रवीण कुमार द्वारा लिखित इस कहानी को रंगकर्मी - अभिनेता   हिरण्य हिमकर ने निर्देशित किया है। कैसे हुए निर्देशन और चुस्त अभिनय के कारण   लगभग दो घंटे लम्बे इस नाटक को यहां दर्शकों ने मंत्रमुग्ध होकर देखा। कहानी का बड़ा हिस्सा इस   शहर   के अनूठे अंदाज को बताने में लगता है। तभी घटनाएं होती हैं और एक दिन तनाव के मध्य अरूप अपने किसी रिश्तेदार किशोर को ऋषभ के घर रात भर ठहरा लेने के अ