हागिया सोफिया और बाबरी मस्जिद ः एक जैसे हालात...बस किरदारों का है फर्क
मेरा यह लेख द प्रिंट वेबसाइट पर प्रकाशित हो चुका है। हिन्दीवाणी के पाठकों तक पहुंचाने के लिए उस लेख को यहां भी पेश किया जा रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां वह लेख असंपादित है। - यूसुफ किरमानी तुर्की में हागिया सोफिया म्यूजियम को फिर से मस्जिद बनाने का फैसला होने पर भारत में सेकुलरवादी दो धड़ो में बंट गए। बड़ा अटपटा है, कहां तुर्की और कहां भारत – हजारों किलोमीटर का फासला। लेकिन भारत में इस पर तीखी बहस शुरू हो गई। अब जबकि तुर्की के सुप्रीम कोर्ट ने इस म्यूजियम को मस्जिद बनाने के पक्ष में फैसला दे दिया है तो भारत में बाबरी मस्जिद बनाम राम मंदिर का मुद्दा फिर से बहस के केंद्र में आ गया है। इतना ही नहीं भारत में दक्षिणपंथी गिरोह के लोग अचानक म्यूजियम के बचाव में आ गए हैं और वे आधुनिक तुर्की के इतिहास का हवाला देते हुए कह रहे हैं कि वहां के सुप्रीम कोर्ट का फैसला गलत है। अगर उस म्यूजियम को मस्जिद में बदला गया तो अनर्थ हो जाएगा। बहस दिलचस्प होती जा रही है। भारत में सेकुलरवादियों का एक धड़ा कह रहा है – जैसे भारत में मस्जिद की जगह मंदिर बनाने के सुप्रीम कोर्ट के