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हिन्दू धर्म और कैलासा

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- यूसुफ किरमानी  हिन्दू धर्म सचमुच बहुत लचीला और सहनशील है। यहाँ हिन्दू के साथ धर्म शब्द का इस्तेमाल जानबूझकर किया गया है। हालाँकि हिन्दू कोई धर्म नहीं है लेकिन भारत में हिन्दू की पहचान अब धर्म के रूप में ही होने लगी है।  लेकिन हिन्दू धर्म से निकला कैलासा (Kailasa) तो बहुत ही अजब-गजब है। हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) के लचीले होने की वजह से कैलासा का जन्म हुआ। कैलासा की कहानी दिलचस्प है। The Kailasa Story... बेंगलुरु या बंगलौर में एक बाबा नित्यानंद था (थे)। क़रीब एक दर्जन लड़कियों ने रेप की शिकायत कर दी। बाबा नित्यानंद भारत छोड़कर भाग निकला। उसने कहीं एक टापू ख़रीदा है जिसका नाम यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा है। यानी यूएसके। कुछ कुछ अमेरिका जैसी फ़ीलिंग वाला देश। यह टापू इक्वाडोर के पास कहीं बताया जा रहा है। कैलासा की नागरिकता के लिए आवेदन माँगे गए हैं। इसकी साइट पर अंग्रेज़ी में लिखा गया है कि भारत के सभी प्रताड़ित हिन्दू कैलासा नामक देश की नागरिकता ले सकते हैं। लेकिन शर्त है कि आप प्रताड़ित हिन्दू हों। जो अघोषित नियम है, उसके मुताबिक़ नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या जैसी बैकग्राउंड और

यूसुफ किरमानी का कवितासन

तुम करो आसन                                         हम करें शासन भाड़ में जाए जनता का राशन गरीब हो तो भूखे पेट ही करो शीर्षासन कंगाल हो तो टमाटर पर करो ताड़ासन सरकार और संतरी भी करें योगासन न आए कुछ समझ तो करें चमचासन दाल के रेट पर मत करें क्रोधासन आलू के दाम पर करें पद्मासन बैंगन पर करें स्वार्गं आसन लौकी पर करें सर्पासन जी हां, योग अब 100 पर्सेंट धंधा है काले को सफेद करने वाला बंदा है कैसे उस ब्रैंड को मार भगाया और कैसे अपना पैर जमाया जो न समझे खेल को वो अंधा है सत्ता की आड़ है, धर्म की बाड़ है गऊ माता के देश में बाबा ही सांड़ है जागो मेरे भारत जागो अभी सवेरा है यूसुफ तुम भी जुटो जहां बहुत अंधेरा है फिर मत कहना, दरवाजे पर खड़ा लुटेरा है कुछ बातें, कुछ संदर्भ .............................. मेरी इस कविता की पहली दो लाइन रिटायर्ड आईपीएस जनाब  Vikash Narain Rai ( वीएन राय) के सौजन्य से है। उन्होंने पिछले साल योग दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर हुए तमाशे के मौके पर वो दो लाइने अपने फेसबुक स्टेटस में लिखी थीं। आज फिर योग दिव