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कैसा धर्म है आपका...क्या ये बातें हैं...

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अगर कि सी धर्म के डीएनए में ही महिला अपराध है तो वो कैसा धर्म?    अगर किसी धर्म के डीएनए में ही बाल अपराध है तो वो कैसा धर्म?    अगर किसी धर्म के डीएनए में छुआछूत, ऊंच-नीच, सामाजिक असमानता है तो वो कैसा धर्म ?    इसलिए अपने - अपने धर्म पर फिर से विचार करें... आपके धर्म का डीएनए उस स्थिति में बहुत कमज़ोर है अगर उसके    किसी महापुरुष,    किसी देवी-देवता,    किसी अवतार    का अपमान    किसी कार्टून,    किसी फ़िल्म,    किसी विज्ञापन,    किसी ट्वीट,    किसी फ़ेसबुक पोस्ट से हो जाता है। तो कमज़ोर कौन है...   वो धर्म या उस अपमान को बर्दाश्त न कर पाने वाले आप????    क्योंकि उसके डीएनए में आप हैं। धर्म तभी है जब आप हैं। ...आप हैं तो धर्म है।    -यूसुफ़ किरमानी

पुलवामा की बर्फीली सड़क और छद्म युद्ध

जब आप इस वक्त गहरी नींद में हैं, तब कश्मीर के पुलवामा में उन जवानों की लाशों के टुकड़े जमा किए जा रहे हैं, जिन्हें आतंकी हमले में मार दिया गया... मेरी नींद भी गायब है...मैं उन 42 नामों की सूची को पढ़ रहा हूं, जो अब हमारे बीच नहीं हैं। शहीदों की सूची में दूसरा ही नाम निसार अहमद का है... थोड़ा तसल्ली सी हुई कि चलो, भक्तों और भगवा ब्रिगेड को यह कहने का मौका नहीं मिलेगा...कि मरने वाले एक ही धर्म या बिरादरी के थे...या इस्लामिक आतंकवाद ने सिर्फ एक ही धर्म वालों को मार दिया... जैश-ए-मोहम्मद या हिजबुल मुजाहिदीन सिर्फ एक ही धर्म या देश के दुश्मन नहीं है। दरअसल, वह मुसलमान और कश्मीरियत के दुश्मन हैं। ...जानते हैं इस हमले से कश्मीरी अवाम की आवाज कमजोर कर दी गई है। उनके साथ अब लिबरल लोग खड़े होने से छिटक जाएंगे।... हर हिंसक हमला बड़े आंदोलन को कमजोर कर देता है। खैर, ऐसे बहुत सारे निसार अहमद आज उन 42 लोगों में हो सकते थे, लेकिन बेचारे जब भर्ती किए जाएंगे, तभी तो ढेर सारे निसार अहमद ऐसी कुर्बानी देने को मिलेंगे।...यह एक शिकवा है, निसार अहमदों को जब भर्ती नहीं क