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आमिर खान और सत्यमेव जयते…क्या सच की जीत होगी

मेरा यह लेख नवभारत टाइम्स की वेबसाइट nbt.in पर भी उपलब्ध है। थोड़ी देर के लिए बॉलिवुड स्टार आमिर खान (Bollywood Star Aamir Khan) के टीवी प्रोग्राम सत्यमेव जयते (Satyamev  Jayate) को अलग रखकर डॉक्टरों की दुनिया पर बात करते हैं। तमाम मुद्दे...सरोकार...हमारे आसपास हैं और उनसे पूरा देश और समाज हर वक्त रूबरू होता रहता है। पर कितने हैं जो इनसे वास्ता रखते हैं या इनका खुलकर प्रतिकार करते हैं। आमिर खान बॉलिवुड के बड़े स्टार हैं, उनकी एक मॉस अपील है। आप लोगों में से जिन्होंने 6 मई को उनका टीवी शो सत्यमेव जयते देखा होगा, या तो बहुत पसंद आया होगा या फिर एकदम से खारिज कर दिया होगा। फेसबुक (Facebook) हर बार की तरह ऐसे लोगों की प्रतिक्रिया का पसंदीदा अड्डा है। शो खत्म होने के बाद प्रतिक्रियाएं आने लगीं। हमारे कुछ मित्रों ने कन्या भ्रूण हत्या (Female Foeticide) को धर्म और वर्ण में बांटने की कोशिश भी की। फेसबुक से पता चल रहा है कि वे इसे सिर्फ सवर्ण हिंदुओं की समस्या मानते हैं। उनका यह भी कहना है कि मुसलमान और दलित अपनी बेटियों को नहीं मारते। उन्होंने आंकड़े भी पेश किए हैं। मैं कम से कम इस स

धर्म गुरुओं की राजनीतिक चाहतें

भारत के धर्मगुरुओं की राजनीतिक चाहतें छिपी नहीं हैं। पर, वे लोग जब यही काम कौम के नाम पर करने लगें तो उन पर तरह-तरह के संदेह पैदा होते हैं। फिर अगर इस खेल में धार्मिक संस्थाएं भी शामिल हो जाएं तो कौम बेचारी बेवकूफ बनती रहती है। मेरा यह लेख नवभारत टाइम्स की आनलाइन साइट पर उपलब्ध है। पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें - नवभारत टाइम्स

आओ बाबा रामदेव, आप ही बाकी रह गए थे

इस समय बाबा लोग चर्चा में है। कभी किसी वजह से तो कभी वजह से। ताजा चर्चा बाबा रामदेव की है, जिन्हें राजनीति का चस्का लग गया है। हालांकि पिछले काफी दिनों से वह इस तरफ यह जुमला कहकर इशारा कर रहे थे कि वह राजनीति को बदलना चाहते हैं। बाबा ने मंगलवार को दिल्ली में बाकायदा अपने राजनीतिक अभियान की शुरुआत कर दी है।उन्होंने राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की है। बाबा के इस पहलू पर मैंने अपने ताजा लेख में नजर डालने की कोशिश की है। लेकिन वह पूरा लेख पढ़ने के लिए आपको जाना पड़ेगा जनपक्ष ब्लॉग पर। उसका लिंक आप लोगों के लिए दे रहा हूं...http://jantakapaksh.blogspot.com/2010/03/blog-post_17.html