संदेश

Dalit लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या आप शहरी नक्सली हैं...आखिर कौन है शहरी नक्सली

चित्र
Urban Naxal यानी शहरी नक्सली ....यह जुमला आजकल बहुत ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि कभी मेनस्ट्रीम पत्रिका में सुधांशू भंडारी ने शहरी नक्सलवाद की रणनीति पर लंबा लेख लिखकर इसकी चर्चा की थी। लेकिन यह लेख सिर्फ लेख रहा और नक्सली आंदोलन के प्रणेता इसे कभी अमली जामा नहीं पहना सके। लेकिन राष्ट्रवाद और आवारा पूंजीवाद का प्रचार प्रसार करने वाले अब अपने विरोधियों के लिए शहरी नक्सली या शहरी नक्सलवाद शब्द लेकर लौटे हैं। इस वक्त केंद्र सरकार के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को शहरी नक्सलियों की आवाज बताने का फैशन शुरू हो गया है। अगर आप सरकार के विरोध में हैं तो आप शहरी नक्सली हैं या देशद्रोही हैं।    हाल ही में कोरेगांव भीमा, पुणे और मुंबई में दलितों ने सड़क पर आकर जो आंदोलन किया, उसे बॉलिवुड के फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री और उनके खेमे के लोगों ने इसे शहरी नक्लवाद बताया और लिखा। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, शाहला राशिद ने पिछले दिनों तमाम मुद्दों पर जो आंदोलन किया, उसे भी शहरी नक्सलवाद से जोड़ा गया। हैदराबाद यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद

एक घोर सांप्रदायिक शख्स का राष्ट्रपति बनना...

देश की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी अन्य दलों ने बिहार के गवर्नर रामनाथ #कोविंद को #राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में चुना है। भारतीय इतिहास में इतने बड़े पद पर कभी इतने ज्यादा विवादित व्यक्तित्व के मालिक को इस पद का प्रत्याशी नहीं बनाया गया। कोविंद अभी चुने नहीं गए हैं लेकिन उनके विवादित और भ्रष्ट आचरण को लेकर तमाम आरोप सामने आ रहे हैं। लेकिन हम यहां कुछ ठोस मुद्दे पर बात करेंगे। यह जो रामनाथ कोविंद है न...यह घोर #सांप्रदायिक हैं....कैसे.... 2010 में इस कोविंद ने कहा था कि ईसाई और मुसलमान इस देश के लिए एलियन हैं। "Islam and Christianity are alien to the nation." यानी मुसलमान और ईसाई भारत में आए हुए दूसरे ग्रह के प्राणी हैं। इस शख्स ने यह बात क्यों कही थी... 2010 में जस्टिस रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट आई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरियों में 15 फीसदी रिजर्वेशन दिया जाए। कोविंद तब बीजेपी के प्रवक्ता थे, उन्होंने मिश्रा आयोग की सिफारिशों का विर

एक बेबस मां और हमारी एक्सक्लूसिव खबर

चित्र
...उम्मीद है कि जेएनयू के गायब छात्र नजीब की बेबस मां को सड़क पर घसीटे जाने और हिरासत में लिए जाने की तस्वीर आप भूले नहीं होंगे।...लेकिन अब तमाशा देखिए....जो दिल्ली पुलिस नजीब को 26 दिन से नहीं तलाश कर पाई अब वो नजीब को इमोशनली डिस्टर्ब बता रही है। यानी वो अंदर ही अंदर ही किसी बात को लेकर परेशान था, इसलिए खुद ही गायब हो गया। ...यह महान खबर दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से कुछ अखबारों ने छापी है। ऐसे भी कह सकते हैं कि इस मामले में चारों तरफ से फजीहत की शिकार पुलिस ने यह खबर अखबारों में प्लांट करा दी।  एक्सक्लूसिव की तलाश में भटकने वाले रिपोर्टर साथियों ने तह में जाने की कोशिश नहीं की कि इस खबर का मकसद क्या हो सकता है। दिल्ली पुलिस उन तथ्यों पर पर्दा डाल रही है कि नजीब के हॉस्टल में जाकर जिन स्टूडेंट्स या तत्वों ने मारपीट की थी, वो कौन लोग थे। नजीब उस घटना के फौरन बाद से गायब है। इस मामले में सवाल न पूछने वाले पत्रकार मित्र लगातार गलतियां कर रहे हैं। एक दिन पहले दिल्ली पुलिस खबर छपवाती है कि अब वो नजीब को तलाशने के लिए विदेशों की तर्ज पर सारी घटनाओं को रिकंस्ट्रक्ट करे

धर्म किसका है

चित्र
अगर इधर आपने अखबारों को गौर से पढ़ा होगा तो यकीनन कुछ सुर्खियां आपकी नजरों से गुजरी होंगी, हालांकि वे बड़ी खबरें नहीं थीं लेकिन कुछ अखबारों में उनको जगह मिली। क्या थी वें खबरें - बिहार में एक मंदिर में प्रसाद चढ़ाने की कोशिश करने वाले एक दलित की हत्या कर दी गई। कई लोग घायल हो गए। आंध्र प्रदेश का अदिलाबाद इलाका भयानक सांप्रदायिक हिंसा (communal violence) से झुलस रहा है। यहां दो दिनों में 15 लोगों को जिंदा जला दिया गया। मरने वाले सभी लोग मुसलमान थे। इसमें सबसे लोमहर्षक कांड जो हुआ है वह है एक ही परिवार के नौ लोगों को जिंदा जलाने का मामला। ये सारी घटनाएं दुर्गा पूजा से जुड़ी हुई हैं। बिहार की घटना नालंदा जिले में हुई। वही नालंदा जहां कभी ज्ञान की गंगा बहती थी और दुनिया को रास्ता दिखाने वाले विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। वहां के एक मंदिर में प्रसाद चढ़ाने वालों की लाइन लगी हुई थी। लाइन में दलित लोग भी लगे हुए थे। लेकिन उनका नंबर नहीं आ रहा था। लाइन में लगे कारू पासवान ने इस पर पुजारी से आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि हमने भी मंदिर में चंदा दिया है। पुजारी ने उसे धमकाया कि पहला हक सवर्णो क