मेरा गोबरमय भारत का सपना
जिस स्कूल में हमारी पढ़ाई हुई, वहां हमारे गुरुजन अक्सर जुमला बोला करते थे कि तुमको कुछ आता भी है या गोबरगनेश हो।...सारा गुड़गोबर कर दिया।...तब हमारी समझ में यही आता था कि गोबर कोई खराब चीज है, तभी मास्टरजी बार-बार उसी की याद दिलाते हैं।... ...लेकिन गोबर का जो नया परिचय आरएसएस से जुड़े संगठन अखिल भारतीय गो सेवा संघ के अध्यक्ष शंकरलाल ने कराया। उसके बाद तो लगता है कि मोबाइल (Mobile) चार्जर बनाने वाली और बैटरी बनाने वाली कंपनियों पर ताला लगने वाला है। उन्होंने अपने मोबाइल हैंडसेट पर गऊ माता का गोबर (Cow Dung) लगाया और कहा कि गोबर इसकी रेडिशन (रेडियोधर्मी किरणें) से बचाता है। उन्होंने ये भी कहा कि मोबाइल को गाय के गोबर से खासी एनर्जी मिल सकती है। इतनी की उसकी बैटरी चार्ज करने की जरूरत ही न पड़े। फिर मैंने जब गोबर पर सोचना शुरू किया तो मुझे पूरी रात गोबरमय भारत का सपना आता रहा।... ...मैं देख रहा हूं कि कैसे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री गोबर का तिलक लगाकर विदेशी मेहमानों का स्वागत कर रहे हैं। ...कैसे हमारे पहलवान रियो (Rio) में गोबर मलकर दूसरे देश के पहलवानों को चारों खाने चित्त