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मस्जिदों में गोलीबारी के बाद न्यूजीलैंड महान है या भारत...

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कोई भी देश महान उसके लोगों से बनता है...भारत न्यूज़ीलैंड की घटना से बहुत कुछ सीख सकता है...सिर्फ नारा भर देने से कि गर्व से कहो हम फलाने महान हैं तो कोई महान नहीं बनता। पूरे न्यूजीलैंड के लोग अपने आसपास के मुस्लिम घरों में जा रहे हैं, वे उन्हें गुलाब पेश करते हैं और कहते हैं हम आपके साथ हैं।...वहां की प्रधानमंत्री का भाषण कल रात से मैंने कई बार सुना।...प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन का मारे गए लोगों के लिए बोला गया यह शब्द - They are us (दे आर अस) यानी वो हम ही हैं - अब वायरल है और ऐसे ही शब्द किसी देश के नेता के व्यक्तित्व का परिचय कराते हैं। वरना ढिंढोरचियों की तो कमी नहीं है। कोई बुज़ुर्ग पोस्टर लेकर न्यूजीलैंड से मीलों दूर मैन्चेस्टर की मस्जिद के बाहर खड़ा है, जिस पर लिखा है- मैं आपका दोस्त हूँ। जब आप नमाज़ पढ़ेंगे, मैं आपकी सुरक्षा करूँगा।...और उस बुज़ुर्ग की बेटी उस पोस्टर को शेयर करते हुए लिखती है कि मुझे गर्व है कि आप मेरे पिता हैं। आज मैंने जाना कि  सेकुलर होने का मतलब क्या है? बीबीसी को इस बुज़ुर्ग के पोस्टर में इतनी गहराई नज़र आती है कि वह