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इस षड्यंत्र से मुसलमान हो जाएं होशियार

महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पास होने के बाद पूरे देश में तालियां पीटी जा रही हैं। वाजिब भी है, भारत जैसे देश में महिलाओं को यह हक गए-गुजरे देश बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी बाद में मिला है। लेकिन इस सारे शोर में यह बात दबकर रह गई है कि इस बिल के जरिए अल्पसंख्यकों और अन्य जातियों के गरीब तबके को हाशिए पर लाने का षड्यंत्र पर बहुत शानदार तरीके से रचा गया है। कांग्रेस-बीजेपी की मिलीभगत पूरी तरह खुलकर सामने आ गई है, रीढ़ विहीन वामपंथियों की औकात मुसलमानों को आरक्षण और सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के जरिए पता चल चुकी है। मुसलमानों के लिए राजनीति में भागीदारी अब और भी मुश्किल हो जाएगी। अभी तमाम राजनीतिक दलों में उनकी न तो कोई आवाज है और न ही हैसियत। अगर यह मान भी लिया जाए कि तमाम मुस्लिम महिलाएं अचानक राजनीति में सक्रिय हो जाएंगी और उन्हें उनके घर वाले पूरी छूट दे देंगे तो यह एक खूबसूरत ख्वाब के अलावा और कुछ नहीं होगा। मुसलमानों को तमाम नए समीकरणों पर विचार करना होगा। यह काम कैसे होगा, इसकी शुरुआत कैसे होगी, यह सब बहुत पेचीदा सवाल हैं, जिनका जवाब समय के गर्भ में है। हो सकता है कि कल को कोई अचा

इसे जरूर पढ़े ः कॉमरेड, आपने मुसलमानों के साथ ये क्या किया?

वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल अपनी धारदार लेखनी के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को आरक्षण के ड्रामें पर उन्होंने बहुत विचारोत्तेजक लेख लिखा है। यह लेख जनसत्ता में 23 फरवरी को संपादकीय पेज पर छपा है। वही लेख अब उनके ब्लॉग रिजेक्ट माल पर भी उपलब्ध है...उस लेख को जरूर पढ़ें। लिंक यहां दिया जा रहा है... कॉमरेड, आपने मुसलमानों के साथ ये क्या किया? -दिलीप मंडल