ढोंगी चाय वाले की महानतम खोज...



कुछ सुना आपने...अब हम लोग नाली से निकलने वाली गैस से चाय बना सकते हैं...सुना है कि किसी फलाने देश के ढोंगी चाय वाले ने यह महानतम खोज की है...
...उस देश में इतने मैनहोल हैं, सभी जगह की गैस जमा करके सभी बेरोजगार वहां चाय की दुकान खोल सकते हैं...हर वक्त ताजी गैस मिलेगी और चाय भी शानदार होगी...

मैंने तो फलाने देश के प्रधानमंत्री जी को लिख दिया है कि कृपया इस बार भगवा क़िले की दीवार पर चढ़कर अपने भाषण में नाली से निकलने वाली गैस और उससे बनने वाली चाय के बारे में विस्तार से रौशनी डालें...ताकि फलाने देश के तमाम बेरोजगार इसमें अपने लिए कुछ खोज सकें...

मुझे लगता है कि "पकौड़ा तलो रोजगार योजना" के बाद "नाली गैस की चाय" योजना फलाने देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी...
ताज्जुब है कि गैस पैदा करने वाली देश की तमाम नालियों और मैनहोलों की पुख्ता सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया गया है। इसके लिए कम से कम एक कैबिनेट लेवल का मंत्री तो नियुक्त ही किया जाना चाहिए जो देश भर में ऐसी नालियों से निकलने वाली गैस की सुरक्षा संभाल सके।

वह दिन दूर नहीं जब फलाने देश में हर जिला भाजपा अध्यक्ष नाली वाली गैस की चाय का परमिट जारी करने का ठेका प्राप्त कर लेगा...संघ की शाखाएं मैनहोल के पास लगा करेंगी...ध्वज प्रणाम के बाद नाली वाली गैस की चाय पीने से थुलथुल पेट वालों का कब्ज दूर हो जाया करेगा...
फलाने देश के अंबानी-अडानी सरीखे तेल के कुओं की जगह मैनहोल खरीदा करेंगे, ताकि उससे निकलने वाली गैस को बेच सकें।

अच्छा मितरों...ये बताएँ कि क्या ढोंगी चाय वाले ने यह बताया है कि किस नाली या मैनहोल से किस किस तरह के फ़्लेवर की गैस निकलती है। कहीं ऐसा तो नहीं जिस फलाने देश में अडानी सरीखे बिज़नेसमैन ने जो गैस पाइप लाइन बिछाई है कहीं ढोंगी चाय वाले ने उसके गैस की बात नहीं की क्योंकि उसकी पाईपलाइन का ज़्यादातर हिस्सा नालियों के पास से गुज़रता है...मितरों पता कर लेना ज़रा....

बहरहाल, ढोंगी चाय वाले ने क्या अद्भुत आइडिया दिया है...ये कॉरपोरेट वाले इतने बदमाश हैं कि पानी की तरह पैसा बहाकर आम लोगों से इन्नोवेटिव आइडिया पूछते हैं लेकिन ढोंगी चाय वाले का आइडिया लेने को तैयार नहीं हैं।...कम से कम उद्योगपति आनंद महिंद्रा को तो इस पर कुछ सोचना चाहिए जिन्होंने जख्मी जूतों का अस्पताल चलाने वाले की जिंदगी बदल दी...उस मोची का आइडिया ही तो उन्हें क्लिक किया था...नाली से निकलने वाली गैस का आइडिया उस मोची के आइडिया कम जोरदार नहीं है।

डिस्क्लेमर....

यह व्यंग्य किसी व्यक्तिविशेष पर नहीं है। ढोंगी चाय वाला और उसके बँधे हुए ग्राहक तो इसे क़तई दिल पर न लें। मैं सपने में बनारस पहुँच गया था जहाँ गंगा मैया ने बुलवाया था, मैंने लिखा नहीं है क़सम से मुझसे गंगा मैया ने लिखवाया है।




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हिन्दू धर्म और कैलासा

युद्ध में कविः जब मार्कर ही हथियार बन जाए

ग़ज़लः हर मसजिद के नीचे तहख़ाना...