अभाव, गंदगी, चुनाव के झूठे वायदों के बावजूद हरिजन कैंप में जिंदगी गुलज़ार है

जगह- हरिजन कैंप, लोदी कॉलोनी, साउथ दिल्ली की मस्जिद

बच्चे का नाम - मोहम्मद सलमान

सोर्स का नाम - मोहम्मद मोती, राज मिस्त्री (मैंशन)

पहले वीडियो देखें फिर नीचे की तस्वीर देखें...वीडियो में क्या है, जानबूझकर नहीं लिखा। अगर आपने सुना तो शायद आप ही बता दें।


दिल्ली में लोदी रोड पर इंडिया हबीतात सेंटर है और इसी से चंद कदम की दूरी पर हरिजन कैंप आबाद है। जिस इंडिया हबीतात सेंटर में ग़रीबों और ग़रीबी पर आए दिन सेमीनार होते रहते हैं, वहीं चंद कदम की दूरी पर यह बस्ती उन तमाम लफ्फाजियों को मुंह चिढ़ाती रहती है।

मैं इस बस्ती में कल था। लोग बता रहे थे तीन दिन से पानी नहीं आ रहा है। लेकिन लोग उस गुस्से में शिकायत नहीं कर रहे थे, जिसकी उम्मीद की जाती है। चुनाव के मौसम में जब हर वोटर अपनी समस्याएं बताते नहीं थकता है, ऐसे में इस बस्ती में चुनाव कोलाहल से दूर लोग खुद में मस्त नजर आए। खबरों के मामले में टीवी के तमाम घटिया प्रभावों के बावजूद इस बस्ती के लोगों को नहीं मालूम कि इस आम चुनाव में कौन जीतेगा। उनका कहना था कि हमें कल फिर दिहाड़ी पर निकल जाना है, हमें क्या फर्क पड़ेगा, कौन जितेगा और कौन हारेगा।...

हरिजन कैंप में हिंदू-मुसलमानों की मिली जुली आबादी है। गरीबी दरवाजे से झांकती है। लेकिन इसके बावजूद जितनी खुशहाली इस बस्ती में दिखी, उसका बयान मुश्किल है। इसी बस्ती के बीच में हमें एक मस्जिद मिली, जहां इस बच्चे को एक कलाम पढ़ते पाया तो उसका विडियो बना लिया। मस्जिद के मौलवी साहब यहां पर ऐसे मुस्लिम बच्चों की पीढ़ी तैयार कर रहे थे, जो भारत को सभी समुदायों का एक गुलदस्ता समझे। इल्म के बारे में बच्चों को बता रहे थे। हरिजन बस्ती के बीच में इस मस्जिद और मदरसे से जो रोशनी मुझे निकलती दिखी, शायद आप इस विडियो को सुनने के बाद महसूस करें।

 बहरहाल, इस बस्ती के पास एक मार्केट भी है, जहाँ कथित इलीट क्लास शॉपिंग के लिए जाता है। इसमें नेताओं और मंत्रियों की पत्नियाँ शामिल हैं...। यही लोग फिर गरीब और गरीबी पर भाषण झाड़ते हैं लेकिन ऐसे लोगों को इस बस्ती की तकलीफ नजर नहीं आती है।




 






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