सॉफ़्ट हिन्दुत्व की बिसात पर मुस्लिम राजनीति
अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर के लिए हुए भूमि पूजन के फौरन बाद जिस शख्स की प्रतिक्रिया सबसे ज्यादा वायरल हुई , वह हैदराबाद के सांसद असद्दीन ओवैसी थे। उन्होंने भूमि पूजन के ठीक पहले कहा था – ‘ बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी, इंशाल्लाह ’ । हालांकि ओवैसी ने भूमि पूजन के दौरान मोदी के भाषण को लेकर कई और बयान भी दि ए लेकिन उनके सबसे पहले वाले बयान को मुसलमानों के छोटे से लेकर बड़े संगठनों और मौलानाओं ने अपनी प्रतिक्रिया में अनुसरण किया। बाबरी मस्जिद पर ओवैसी के बयान पर मुसलमानों का ऐसा रुझान कभी नहीं देखा गया । ओवैसी ने 5 अगस्त की सुबह फज्र की नमाज पढ़ने के फौरन बाद इस बयान को ट्वीट किया था। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इसी बयान पर अपना स्टैंड साफ कर दिया। यह वही बोर्ड है, जिसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया था। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने जब मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था तो उस समय मुसलमानों की ऐसी प्रतिक्रिया नहीं आई थी। अगर भाजपा-आरएसएस 5 अगस्त को भूमि पूजन या मंदिर निर्माण को ज्यादा हाई प्रोफाइल इवेंट नही