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शाहीनबाग में कहानी के किरदारों की तलाश

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कोई लेखक-लेखिका जब किसी जन आंदोलन में अपनी कहानियों और उपन्यासों के किरदारों को तलाशने पहुंच जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि शाहीन बाग का आंदोलन कहां से कहां तक पहुंच गया है। हिंदी की मशहूर उपन्यासकार औऱ कहानी लेखिका नासिरा शर्मा ऐसी ही एक रात शाहीन बाग में जा पहुंचीं और वहां बैठी महिलाओं और युवक-युवतियों में उन किरदारों को अलग-अलग रूप में पाया। वहां से लौटने के बाद उन्होंने कुछ किरदारों को कलमबंद भी किया। नासिरा शर्मा के उस रात शाहीन बाग पहुंचने के फोटो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे। नासिरा वही लेखिका हैं जो ईरान में इस्लामिक क्रांति के दौरान वहां जा पहुंची थीं। वहां उस क्रांति के जनक आयतुल्लाह खुमैनी ने किसी महिला पत्रकार और लेखिका को पहला इंटरव्यू दिया था, जिसे उस समय (1982) भारत की नामी साहित्यिक पत्रिका सारिका ने प्रकाशित किया था। नासिरा शर्मा ने जेएनयू से पढ़ाई की है और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पढ़ाया भी है। यहां पेश है उनका लेख जो एक महिला लेखक की नजर से इस आंदोलन को समझने की कोशिश भी है... मेरी दुनिया मेरे लोग... शाहीनबाग की वह रात मेरे लिए बोलने की नहीं, महसूस

सुन ऐ हुक्मरां, हमारे कपड़ों को न देख, हमारे जेहाद-ए-अकबर को देख

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किनारे पर खड़े लोगों, बस इतना ध्यान में रखना समंदर ज़िद पे आयेगा, तो सबके घर डुबो देगा। -हुसैन हैदरी, शायर, फ़िल्म गीतकार kinaare par khade logon, bas itna dhyaan mein rakhna samandar zidd pe aayega, to sabke ghar dubo dega -Hussain Haidry, Poet, Film Lyrist वह लोग जो अभी भी स्टूडेंट्स के शांतिपूर्ण आंदोलन को दूर से नाप तौल रहे हैं, क्या उन्होंने थोड़ी देर इस पर विचार किया कि आंदोलन जेएनयू में भी हुआ और वहाँ के बच्चे भी सड़कों पर आये लेकिन सिर्फ़ जामिया मिल्लिया इस्लामिया और एएमयू में ही पुलिस क्यों हॉस्टल में घुसी और क्यों एक ही पैटर्न के तहत स्टूडेंट्स को पीटा गया? जामिया और एएमयू के अंदर पुलिस के घुसने का समय शाम का था। एएमयू में तो स्टूडेंट्स न तो सड़कों पर आये और न ही कोई पत्थरबाज़ी की। दिल्ली और यूपी पुलिस में पढ़े लिखे युवक भरती होते हैं और वे जानते हैं कि यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ने वाले बच्चे संजीदा होते हैं। बाहर नारेबाज़ी चल रही थी लेकिन ये बच्चे लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे। इसके बावजूद दिल्ली पुलिस और अलीगढ़ पुलिस अंदर घुसी और उन्हे