बाजार के आस्तिकों का कोरोना युद्ध
तेलंगाना का एक मशहूर मंदिर है, नाम है भद्राचलम मंदिर। यहां हर #रामनवमी वाले दिन यानी आज के दिन सीता-राम कल्याण समारोह होता है। वह कार्यक्रम आज भी हुआ। इसमें #कोरोना को दूर भगाने के लिए भगवान से प्रार्थना की गई।...जानते हैं इस मंदिर में इस बहुत बड़ी पूजा के दौरान #तेलंगाना के दो मंत्री भी परिवार सहित शामिल हुए। पूरा मंदिर पुजारियों, दोनों मंत्रियों के परिवारों और उनके इर्द-गिर्द के चमचों, टीवी कैमरा चलाने वाले और पत्रकारों से भरा हुआ था। मैं #भद्राचलम_मंदिर में आज हुई पूजा की आलोचना नहीं करूंगा। मैं भद्राचलम और निजामुद्दीन मरकज में हुई घटना की तुलना नहीं करना चाहता हूं। चाहे वो #निजामुद्दीन_मरकज में जमा हुए तबलीगी जमात के मुसलमान हों या फिर आज तेलंगाना के भद्राचलम मंदिर में जमा हुए लोग हैं या उस दिन #अयोध्या में योगी की गोद में #रामलला की स्थापना के समय सैकड़ों लोगों का जमावड़ा हो....ये सारे के सारे कट्टर धर्मांध लोगों का ही जमावड़ा है। ऊपर वाले ने मुझे दो ही आंखें दी हुई हैं। उन्हीं दो आंखों से मैं ये सारे दृश्य देख रहा हूं। लेकिन बड़ा सवाल य